Edited By Parveen Kumar,Updated: 29 Sep, 2024 04:48 PM
शादी एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला है, जिसे सभी धर्मों में खास मान्यता दी गई है। पहले, शादी होना ही अपने आप में एक प्रमाण माना जाता था, लेकिन अब कई देशों में मैरिज सर्टिफिकेट होना अनिवार्य हो गया है।
नेशनल डेस्क : शादी एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला है, जिसे सभी धर्मों में खास मान्यता दी गई है। पहले, शादी होना ही अपने आप में एक प्रमाण माना जाता था, लेकिन अब कई देशों में मैरिज सर्टिफिकेट होना अनिवार्य हो गया है। भारत में भी इसे जरूरी दस्तावेज़ों में शामिल किया गया है। अगर आपके पास शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट नहीं है, तो आपकी शादी को गैर-कानूनी माना जा सकता है। यह खासकर महिलाओं के लिए कई परेशानियों का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं कि महिलाओं के लिए मैरिज सर्टिफिकेट क्यों जरूरी है।
क्यों जरूरी है मैरिज सर्टिफिकेट?
शादी के बाद महिलाओं को कई बार मैरिज सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है। यह सर्टिफिकेट कई दस्तावेजों में काम आता है। जैसे:
- यदि किसी महिला को अपना सरनेम बदलवाना है, तो वह मैरिज सर्टिफिकेट दिखाकर यह कर सकती है।
- पता बदलने के लिए भी मैरिज सर्टिफिकेट जरूरी होता है।
मुसीबत के समय में मददगार
भारत में कई लोग अपनी शादी को रजिस्टर्ड नहीं करवाते। हालांकि, शादी की वैधता पर इसका कोई असर नहीं पड़ता, लेकिन मैरिज सर्टिफिकेट न होने पर महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे:
- घरेलू हिंसा या उत्पीड़न के मामलों में, सर्टिफिकेट की कमी से महिला का पक्ष कमजोर पड़ जाता है।
- पति की मृत्यु के बाद संपत्ति के अधिकार पाने में भी मुश्किलें आ सकती हैं। बिना सर्टिफिकेट, शादी की वैधता पर सवाल उठाए जा सकते हैं।
तलाक और अन्य मामले
अगर शादी रजिस्टर्ड नहीं है, तो तलाक लेने में भी दिक्कतें आती हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक शादी को अमान्य करार दिया, क्योंकि वह रजिस्टर्ड नहीं थी। इसके अलावा, अगर पति-पत्नी विदेश यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो वीजा और इमीग्रेशन के लिए भी मैरिज सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है। इसलिए, शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना बहुत जरूरी है, ताकि महिलाओं को किसी भी कानूनी समस्या का सामना न करना पड़े।