mahakumb

'मुस्लिम व्यक्ति से शादी करने से धर्म परिवर्तन नहीं होता'- दिल्ली हाईकोर्ट

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 24 Jan, 2025 06:46 PM

marrying a muslim person does not conversion of religion delhi high court

दिल्ली हाई कोर्ट ने संपत्ति के बँटवारे से जुड़े एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि सिर्फ मुस्लिम व्यक्ति से विवाह करने से किसी हिंदू व्यक्ति का धर्म स्वचालित रूप से परिवर्तन नहीं होता। कोर्ट ने यह भी कहा कि विवाह के बाद महिला...

नेशनल डेस्क: दिल्ली हाई कोर्ट ने संपत्ति के बँटवारे से जुड़े एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि सिर्फ मुस्लिम व्यक्ति से विवाह करने से किसी हिंदू व्यक्ति का धर्म स्वचालित रूप से परिवर्तन नहीं होता। कोर्ट ने यह भी कहा कि विवाह के बाद महिला ने अपना धर्म नहीं बदला, इसलिए उसे अपने पिता की संपत्ति में हिस्सा मिलेगा। यह मामला ‘डॉक्टर पुष्पलता एवं अन्य बनाम रामदास HUF एवं अन्य’ केस से जुड़ा है, जिसमें महिला ने अपने पिता की संपत्ति के बंटवारे के लिए मुकदमा दायर किया था। कोर्ट के इस फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया कि धर्म परिवर्तन के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है, न कि सिर्फ शादी से धर्म परिवर्तन माना जाएगा।

क्या था मामला?

रामदास, जो दिल्ली के फ्रेंड्स कॉलोनी में रहते थे, उन्होंनें दो शादियाँ की थीं। पहली पत्नी से उनकी दो बेटियाँ थीं, जबकि दूसरी पत्नी से दो बेटे थे। साल 2005 में हिंदू उत्तराधिकार संशोधन अधिनियम लागू होने के बाद बेटियों को भी पिता की संपत्ति में अधिकार मिल गया। साल 2007 में  बड़ी बेटी ने संपत्ति को लेकर मुकदमा दायर किया और आरोप लगाया कि उनके पिता की दूसरी पत्नी के बेटे उनकी सहमति के बिना संपत्ति बेच रहे थे। इस दौरान पिता ने यह दावा किया कि उनकी बड़ी बेटी अब हिंदू नहीं रही, क्योंकि उसने पाकिस्तान मूल के एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर ली थी और अब वह ब्रिटेन में रहती थी। इसलिए, उसके पास उनकी संपत्ति में कोई अधिकार नहीं है।

कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने इस मामले में यह साफ किया कि केवल मुस्लिम व्यक्ति से विवाह करने से किसी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन नहीं हो जाता है। जस्टिस जसमीत सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रतिवादियों (पिता और उनके बेटों) ने यह साबित करने के लिए कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया कि महिला ने हिंदू धर्म त्यागकर इस्लाम धर्म अपनाया है। महिला ने हलफनामे में यह स्पष्ट किया था कि उसने अपने नागरिक विवाह के बाद भी हिंदू धर्म का पालन किया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि चूँकि महिला ने अपना धर्म नहीं बदला, इसलिए वह एचयूएफ (हिंदू अविभाज्य परिवार) संपत्ति में अपना हिस्सा “दावा करने की हकदार” है।

महिला को मिले संपत्ति में हिस्से का अधिकार

कोर्ट ने यह भी माना कि महिला को एचयूएफ के नाम पर पीपीएफ खाते में जमा राशि का 1/4 हिस्सा और दो संपत्तियों में से हिस्सेदारी का अधिकार है। यह फैसला संपत्ति विवादों में महिलाओं के अधिकारों के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

Related Story

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!