मातृ मृत्यु दर 2014-16 से 33 अंक घटकर 2018-20 में 97 हो गई : नड्डा

Edited By Parveen Kumar,Updated: 18 Mar, 2025 06:04 PM

maternal mortality ratio drops 33 points to 97 in 2018 20 says jp nadda

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि भारत ने 2020 तक मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) को घटाकर, प्रति लाख जीवित जन्म पर 100 करने का राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी) 2017 का लक्ष्य हासिल कर लिया है और 2030 तक इसे 70...

नेशनल डेस्क : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि भारत ने 2020 तक मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) को घटाकर, प्रति लाख जीवित जन्म पर 100 करने का राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी) 2017 का लक्ष्य हासिल कर लिया है और 2030 तक इसे 70 करने के एसडीजी लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अग्रसर है। उच्च सदन को एक प्रश्न के उत्तर में नड्डा ने बताया कि भारत के महा पंजीयक (आरजीआई) द्वारा जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) के अनुसार, देश का वर्तमान मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) प्रति लाख जीवित जन्म पर 97 है।

उन्होंने कहा कि एमएमआर 2014-16 में 130 था जो 2018-20 में 97 हो गया। इस प्रकार एमएमआर में 33 अंकों की उल्लेखनीय गिरावट आई है। नड्डा ने कहा, ‘‘भारत ने 2020 तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी) 2017 के,प्रति लाख जीवित जन्मों पर 100 एमएमआर का लक्ष्य हासिल कर लिया है और 2030 तक एमएमआर प्रति लाख जीवित जन्मों पर 70 का एसडीजी लक्ष्य हासिल करने की दिशा में अग्रसर है।'' उन्होंने कहा कि भारत में एमएमआर में 83 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि वैश्विक स्तर पर इसमें 42 प्रतिशत की कमी आई है।

इसी तरह, भारत में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) में 75 प्रतिशत की कमी आई है, जो वैश्विक स्तर पर 58 प्रतिशत की गिरावट से अधिक है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने 2019 में सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन) पहल शुरू की, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा में आने वाली हर महिला और नवजात शिशु को बिना किसी खर्च के सुनिश्चित, सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना और सेवाओं से इनकार को कतई बर्दाश्त नहीं करना है।

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