Edited By Harman Kaur,Updated: 18 Mar, 2025 12:19 PM

महाराष्ट्र में मुग़ल सम्राट औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के बीच विवाद छिड़ गया है। इस पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा कि किसी की कब्र को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है, क्योंकि इससे...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में मुग़ल सम्राट औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के बीच विवाद छिड़ गया है। इस पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा कि किसी की कब्र को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है, क्योंकि इससे राज्य में शांति और सद्भाव बिगड़ता है। उन्होंने सरकार से ऐसे उपद्रवी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
आपसी भाईचारा, शांति और सौहार्द में खलल पड़ता है: मायावती
मायावती ने अपने ट्विटर हैंडल 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "महाराष्ट्र में किसी की कब्र या मजार को नुकसान पहुंचाना ठीक नहीं है, क्योंकि इससे वहां आपसी भाईचारा, शांति और सौहार्द में खलल पड़ता है। सरकार को ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, वरना हालात बिगड़ सकते हैं।" मायावती ने नागपुर में हुई हिंसा का भी जिक्र किया और वहां के असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया।
ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है: प्रियंका चतुर्वेदी
वहीं, महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए शिवसेना (उबाठा) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को जानबूझकर निवेश के लिए अनाकर्षक बनाया जा रहा है, ताकि पड़ोसी राज्य गुजरात को फायदा हो सके। प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में हिंसा को बढ़ावा देकर राज्य में अस्थिरता पैदा की जा रही है और नागरिकों को पुराने विवादों में उलझाया जा रहा है। इसके साथ ही, बढ़ते आर्थिक संकट, बेरोजगारी और किसानों की आत्महत्या जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्य की सरकार पर आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सभी व्यवसायों को महाराष्ट्र से गुजरात ले जाया गया और मौजूदा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य निवेश के लिए अनाकर्षक बना दिया गया है, जिससे व्यवसायों को बाहर जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
बता दें कि बीते सोमवार को नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में हिंसा तब भड़की जब अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के दौरान एक समुदाय का धर्मग्रंथ जलाया गया। इसके बाद, हिंसा फैल गई और पुलिस पर पथराव हुआ, जिसमें छह नागरिक और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने इस हिंसा के बाद नागपुर के महाल क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया और 15 लोगों को गिरफ्तार किया।