Edited By Anu Malhotra,Updated: 16 Dec, 2024 11:39 AM
राजस्थान में चिकित्सा इतिहास में एक नई उपलब्धि दर्ज की गई, जब एक ब्रेन डेड युवक के 8 अंगों का सफल प्रत्यारोपण किया गया। पहली बार राज्य में air ambulance के जरिए अंगों को सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल, जयपुर तक पहुंचाया गया, जहां यह प्रक्रिया पूरी...
नेशनल डेस्क: राजस्थान में चिकित्सा इतिहास में एक नई उपलब्धि दर्ज की गई, जब एक ब्रेन डेड युवक के 8 अंगों का सफल प्रत्यारोपण किया गया। पहली बार राज्य में air ambulance के जरिए अंगों को सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल, जयपुर तक पहुंचाया गया, जहां यह प्रक्रिया पूरी हुई। विशेष बात यह रही कि पहली बार प्रदेश में lung transplant किया गया और एक ही रोगी को फेफड़े व हृदय दोनों का ट्रांसप्लांट किया गया।
घायल युवक ने दिए जीवनदान
झालावाड़ जिले के मानपुरा पीपाजी गांव के रहने वाले 33 वर्षीय विष्णु प्रसाद को 10 दिसंबर को एक मारपीट की घटना में गंभीर चोटें आई थीं। उन्हें झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। 12 दिसंबर को मेडिकल कमेटी ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
परिवार की सहमति से हुआ अंगदान
मेडिकल टीम ने विष्णु के परिवार को अंगदान के महत्व के बारे में जानकारी दी। परिवार ने सहमति देकर विष्णु के आठ अंगों (दो गुर्दे, जिगर, हृदय, फेफड़े और दोनों कॉर्निया) को दान करने का फैसला लिया।
ग्रीन कॉरिडोर और एयर एम्बुलेंस का उपयोग
एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि जयपुर में एक मरीज को हृदय और फेफड़े ट्रांसप्लांट किए गए, जबकि एक किडनी और लीवर एम्स जोधपुर भेजे गए। अंगों को झालावाड़ से जयपुर लाने के लिए एयर एम्बुलेंस का उपयोग किया गया। जयपुर में अंगों को जल्द अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसके बाद एयर एम्बुलेंस ने जोधपुर के लिए उड़ान भरी।
पहली बार फेफड़े का प्रत्यारोपण
इस ऑपरेशन में मेडिकल एजुकेशन सचिव अम्बरीष कुमार और न्यूरोसर्जन डॉ. रामसेवक योगी की अहम भूमिका रही। डॉक्टरों के अनुसार, यह राजस्थान का पहला फेफड़े का ट्रांसप्लांट था, जो सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस पूरी घटना ने अंगदान की महत्ता को रेखांकित करते हुए, चिकित्सा जगत में एक नई मिसाल कायम की है। विष्णु प्रसाद के इस महान योगदान ने कई जिंदगियों को नया जीवन दिया।