Edited By Anu Malhotra,Updated: 22 Mar, 2025 02:06 PM

मेरठ में हुए सौरभ राजपूत हत्याकांड में रोज नए खुलासे हो रहे हैं, जिससे इस खौफनाक घटना का सच्चाई का परदा धीरे-धीरे उठ रहा है। इस बार सौरभ के बड़े भाई बबलू राजपूत ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है।
नेशनल डेस्क: मेरठ में हुए सौरभ राजपूत हत्याकांड में रोज नए खुलासे हो रहे हैं, जिससे इस खौफनाक घटना का सच्चाई का परदा धीरे-धीरे उठ रहा है। इस बार सौरभ के बड़े भाई बबलू राजपूत ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है।
बबलू के अनुसार, सौरभ लंदन से एक करोड़ रुपये लेकर आया था, और उसका एक बड़ा हिस्सा उसकी पत्नी मुस्कान ने खुद अपने पास रख लिया था। बाकी पैसे को सौरभ अपने रिश्तेदारों और नजदीकी दोस्तों में बांट रहा था। हालांकि, बबलू ने यह भी कहा कि उसकी अपने भाई सौरभ से ज्यादा बातचीत नहीं होती थी, लेकिन वह यह जानता था कि उसके भाई के पास एक बड़ी रकम थी।
बता दें कि सौरभ की हत्या उसकी पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल ने मिलकर की थी। जिसके बाद सौरभ के शव पांच टुकड़ों में काटकर प्लास्टिक ड्रम में डालकर सीमेंट और कंक्रीट से भर दिया गया था।
फिलहाल उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने कहा कि मुस्कान को महिला बैरक (बैरक नम्बर 12) और साहिल को पुरुष बैरक (बैरक नम्बर 18) में रखा गया है। उन्होंने कहा कि जेल आने के बाद मुस्कान गुमसुम रही और किसी से बात नहीं की और न ही उसने रात में खाना खाया। मुस्कान और उसके मित्र साहिल को बुधवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया। अदालत ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में मेरठ जेल भेज दिया। मुस्कान के पति सौरभ राजपूत का शव पोस्टमार्टम के बाद घर लाया गया। बिते बुधवार देर शाम शव का अंतिम संस्कार किया गया।
अधिकारियों के अनुसार जांच में पता चला कि मुस्कान और साहिल बचपन से परिचित थे और पहली से आठवीं कक्षा तक साथ-साथ पढ़े थे। दोनों एक सहपाठी द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए फिर से जुड़े जिससे उनके बीच फिर से रिश्ता शुरू हुआ। जांच के अनुसार मुस्कान और सौरभ की शादी के तीन साल बाद 2019 में उनका ‘अफेयर' शुरू हुआ। व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा मेरठ के एक मॉल में आयोजित पार्टी में दोनों की मुलाकात हुई, जहां से उनका प्रेम प्रसंग शुरू हुआ। पुलिस ने दावा किया कि दोनों ने सौरभ की हत्या की साजिश रची क्योंकि वे उसे अपने रिश्ते में बाधा मानते थे।