Edited By Radhika,Updated: 17 Apr, 2025 03:33 PM
Supreme Court में वक्फ कानून पर सुनवाई के दौरान पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान सामने आया है। महबूबा ने कहा कि बाबरी मस्जिद के फैसले के वक्त कोई सबूत नहीं थे। इसी तरह अफजल गुरु के मामले में भी कोई सबूत नहीं थे।
नेशनल डेस्क : Supreme Court में वक्फ कानून पर सुनवाई के दौरान पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान सामने आया है। महबूबा ने कहा कि बाबरी मस्जिद के फैसले के वक्त कोई सबूत नहीं थे। इसी तरह अफजल गुरु के मामले में भी कोई सबूत नहीं थे। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोगों की भावनाओं के लिए फैसला दिया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून पर भी देश के मुसलमानों की भावनाओं का ख्याल रखेगा।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ''इस कानून के बाद हमारे कई कब्रिस्तान, मदरसे और मस्जिदें गिराई गई। इस तोड़फोड़ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। वक्फ कोई छोटा मुद्दा नहीं है। मुसलमान देश को एकजुट रखते हैं और अगर वे खत्म हो गए तो पूरा देश बिखर जाएगा।'' उन्होंने कहा,''सरकार को अगर मुसलमानों की मदद करनी है तो वक्फ को अपने पास लेने की बजाय कोई कमेटी बनाते और जो जमीन है उसका इस्तेमाल अस्पताल और कॉलेज बनाने में करते, ताकी मुसलमानों की तरक्की हो।''
उमर अब्दुल्ला पर भी साधा निशाना-
उन्होंने जम्मू-कश्मीर सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि, ''जम्मू-कश्मीर के लोग और उनकी पार्टी इस मुद्दे पर पूरे देश के मुसलमानों का दृढ़ता से समर्थन करती है।''
जम्मू-कश्मीर वक्फ कानून पर विवाद
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून पर बहस की मांग विपक्षी दलों और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने की थी, जिसे स्पीकर ने मना कर दिया। इस बात पर महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर लगातार निशाना साध रही हैं। उमर अब्दुल्ला का कहना है कि उन्होंने वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।
उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि जिन मुगलों के वारिसों को वे ढूंढ रहे हैं, वे उनके बीच हैं, न कि आम मुसलमानों में। उन्होंने कहा कि मुगलों ने गरीब मुसलमानों में नहीं, बल्कि राजघरानों में शादियां कीं, जो आज भी उनके आसपास हैं।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वक्फ कानून पर सुनवाई की और केंद्र, राज्य और वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने एक हफ्ते में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि रजिस्टर्ड वक्फ संपत्ति को अभी डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा और वक्फ बोर्ड या काउंसिल में कोई नई नियुक्ति नहीं होगी।