Edited By Parveen Kumar,Updated: 14 Mar, 2025 05:34 PM

होली रंगों और खुशियों का त्योहार है, लेकिन उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के कुडौरा गांव में इसे कुछ खास अंदाज में मनाया जाता है। यहां होली सिर्फ महिलाओं की होती है, जिसमें पुरुषों की एंट्री पूरी तरह से बैन रहती है।
नेशनल डेस्क : होली रंगों और खुशियों का त्योहार है, लेकिन उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के कुडौरा गांव में इसे कुछ खास अंदाज में मनाया जाता है। यहां होली सिर्फ महिलाओं की होती है, जिसमें पुरुषों की एंट्री पूरी तरह से बैन रहती है।
जब गांव पर महिलाओं का राज होता है
होली के दिन कुडौरा गांव में पुरुष घरों में कैद हो जाते हैं, जबकि महिलाएं पूरे जोश और उमंग के साथ होली खेलती हैं। वे ढोलक और मंजीरों की धुन पर नाचती-गाती हैं और पूरे गांव में घूमकर रंगों की बारिश करती हैं। सालभर घूंघट में रहने वाली महिलाएं इस दिन पूरी मस्ती में नजर आती हैं।
अगर कोई पुरुष दिख जाए तो...
अगर कोई पुरुष गलती से भी इनके बीच आ जाता है, तो उसकी शामत आ जाती है। महिलाओं की टोली उसे लहंगा-चोली पहनाकर नचाती है और विरोध करने पर उसे हल्की-फुल्की सजा भी दी जाती है। यही कारण है कि पुरुष इस दिन बाहर निकलने की हिम्मत नहीं करते।
क्यों है यह होली खास?
कुडौरा गांव की यह अनोखी होली पूरे देश में अलग पहचान रखती है। जहां आमतौर पर होली पुरुषों और महिलाओं का त्योहार होता है, वहीं यहां यह दिन सिर्फ महिलाओं के नाम होता है। यही वजह है कि यह परंपरा इसे खास बनाती है।