Edited By Parminder Kaur,Updated: 01 Mar, 2025 04:06 PM
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अतुल सुभाष के बाद अब मानव शर्मा ने पत्नी से तंग आकर अपनी जान दे दी, जिसके बाद दहेज, तलाक और एक्सट्रा मैरिटल अफेयर जैसे कानूनों में बदलाव की मांग उठने लगी है। अब सवाल यह है कि क्या वाकई शादीशुदा पुरुष अपनी जिंदगी से परेशान हैं और पुरुषों में...
नेशनल डेस्क. अतुल सुभाष के बाद अब मानव शर्मा ने पत्नी से तंग आकर अपनी जान दे दी, जिसके बाद दहेज, तलाक और एक्सट्रा मैरिटल अफेयर जैसे कानूनों में बदलाव की मांग उठने लगी है। अब सवाल यह है कि क्या वाकई शादीशुदा पुरुष अपनी जिंदगी से परेशान हैं और पुरुषों में आत्महत्या की दर तेजी से क्यों बढ़ रही है? और इन कानूनों में ऐसा क्या है, जिसे बदले जाने की जरूरत महसूस हो रही है?
पुरुषों की आत्महत्या के आंकड़े
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों की आत्महत्या के मामले बेहद चौंकाने वाले हैं। 2015 से 2022 के बीच 8.09 लाख पुरुषों ने आत्महत्या की। इनमें से ज्यादातर शादीशुदा पुरुष थे और उनकी आत्महत्या की वजह निजी समस्याएं थीं। वहीं इस दौरान 43,314 महिलाओं ने आत्महत्या की, जो पुरुषों की तुलना में आधी संख्या है।
सुसाइड की वजह क्या है?
NCRB 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, 1.64 लाख से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें 81,000 शादीशुदा पुरुष और 28,000 शादीशुदा महिलाएं शामिल थीं। 33.2% पुरुषों की आत्महत्या की वजह पारिवारिक समस्याएं थीं। इनमें घरेलू झगड़े, मानसिक उत्पीड़न, विवाद और शारीरिक उत्पीड़न जैसी वजहें प्रमुख थीं।
दहेज कानून पर सवाल
IPC की धारा 498A पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, जो दहेज को लेकर सख्त सजा का प्रावधान करती है। महिलाओं द्वारा इस कानून का दुरुपयोग किए जाने की आशंका जताई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर 2024 को एक केस की सुनवाई के दौरान कहा था कि ज्यादातर महिलाएं इस कानून का गलत इस्तेमाल करती हैं। इस कानून के तहत कोई केस दर्ज होता है तो महिलाओं को कोई सबूत नहीं देना पड़ता, जबकि पुरुषों को अपने आपको निर्दोष साबित करने के लिए सबूत देना पड़ता है।
एक्सट्रा मैरिटल अफेयर पर कानून
IPC की धारा 497 में एडल्ट्री यानी एक्सट्रा मैरिटल अफेयर को अपराध माना जाता था। इसका मतलब था कि अगर कोई शादीशुदा पुरुष या महिला किसी और के साथ अवैध संबंध बनाता था, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती थी। हालांकि, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने धारा 497 को रद्द कर दिया था, जिससे अब एक्सट्रा मैरिटल अफेयर के मामले में कानून में बदलाव हो चुका है।