Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 19 Jan, 2025 02:55 PM
आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने महाकुंभ के आयोजन की सराहना करते हुए इसे बेहद भव्य और दिव्य बताया। उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ इस सदी का सबसे बड़ा कुंभ है, और यह आयोजन पूरी सुरक्षा के साथ संपन्न हो रहा है। उनके मुताबिक, लाखों...
नेशनल डेस्क: आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने महाकुंभ के आयोजन की सराहना करते हुए इसे बेहद भव्य और दिव्य बताया। उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ इस सदी का सबसे बड़ा कुंभ है, और यह आयोजन पूरी सुरक्षा के साथ संपन्न हो रहा है। उनके मुताबिक, लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में पहला अमृत स्नान किया और अब तक किसी भी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है। आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने प्रशासन की भी तारीफ की और कहा कि पूरे महाकुंभ को सुरक्षित तरीके से संभालने के लिए प्रशासन को साधुवाद दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम आज तीर्थराज प्रयागराज में बैठे हैं।
संगम में डुबकी लगाने का किया आह्वान
आचार्य ने पंजाब केसरी के माध्यम से एक अपील की कि सभी लोग इस विशेष अवसर का लाभ उठाएं और प्रयागराज में आकर संगम में डुबकी लगाएं। उन्होंने कहा, "यह मौका किसी के जीवन में फिर से नहीं आएगा, इसलिए सबको यहां आकर सनातन धर्म का ध्वज लहराना चाहिए।" उनका मानना है कि महाकुंभ एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक अवसर है, जो हर सनातनी के लिए विशेष महत्व रखता है।
लोकतंत्र की महत्वता पर आचार्य का बयान
आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने दिल्ली चुनावों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा यज्ञ होता है और लोगों को इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। उन्होंने अपील की कि लोग वोट जरूर डालें, ताकि अच्छा और सही नेतृत्व चुना जा सके।
काशी-मथुरा सहित सभी टूटे मंदिरों की मांग
काशी और मथुरा के मंदिरों को लेकर पूछे गए सवाल पर आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा, "काशी और मथुरा ही क्यों, जो भी मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों में बदल दिया गया है, वे सभी स्थान हमें वापस मिलना चाहिए।"
प्रधानमंत्री मोदी और योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद
आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने महाकुंभ के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनके समर्थन और प्रयासों से यह विशाल आयोजन संभव हो पाया है।