Edited By Mahima,Updated: 09 Jan, 2025 10:14 AM
डोनाल्ड ट्रंप ने गल्फ ऑफ मेक्सिको का नाम बदलकर "गॉल्फ ऑफ अमेरिका" करने की बात की, जिसका मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में करारा जवाब दिया। उन्होंने एक नक्शा जारी कर अमेरिका को "Mexican America" कहने की बात की, जिससे यह...
नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अक्सर बयानबाजी और विवादों से गहरा संबंध रहा है, और उनके विस्तारवादी विचार अब भी लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं। हाल ही में ट्रंप ने मेक्सिको के गल्फ ऑफ मेक्सिको को "गॉल्फ ऑफ अमेरिका" कहे जाने की बात की थी, जिस पर उन्होंने अपने खास अंदाज में टिप्पणी की थी। उनका कहना था कि इस नामकरण से अमेरिका की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर तरीके से प्रदर्शित किया जा सकता है। लेकिन अब मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने ट्रंप के इस बयान का शानदार और करारा जवाब दिया है, जो न केवल ट्रंप के विचारों की आलोचना करता है, बल्कि वैश्विक राजनीति में एक नया मोड़ भी ला सकता है।
मेक्सिको का नाम बदलकर "गॉल्फ ऑफ अमेरिका" करने की बात
डोनाल्ड ट्रंप, जो जनवरी में पुनः अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं, अपने विवादास्पद बयान और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में हस्तक्षेप करने की अपनी शैली के लिए हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। हाल ही में उन्होंने गल्फ ऑफ मेक्सिको का नाम बदलकर "गॉल्फ ऑफ अमेरिका" करने की बात की थी। उनका कहना था कि यह नाम अत्यधिक खूबसूरत और सटीक है, क्योंकि मेक्सिको अब कार्टेल्स के प्रभाव में आ चुका है और अमेरिका को इस खतरनाक स्थिति में सुधार लाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। ट्रंप का यह बयान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहस का कारण बना, क्योंकि यह मेक्सिको के आंतरिक मामलों में अमेरिका के हस्तक्षेप का संकेत देता था। ट्रंप ने यह भी कहा था कि "गॉल्फ ऑफ अमेरिका" नाम बेहतर होगा क्योंकि इससे यह दर्शाया जा सकेगा कि अमेरिका ने मेक्सिको में बड़े पैमाने पर निवेश किया है और अब अमेरिका को इस क्षेत्र की सुरक्षा और समृद्धि की जिम्मेदारी उठानी चाहिए। उनके अनुसार, मेक्सिको में बढ़ते कार्टेल्स और हिंसा को देखते हुए अमेरिका को अपनी भूमिका और जिम्मेदारी को गंभीरता से समझने की आवश्यकता है।
मेक्सिको की राष्ट्रपति ने दिया जवाब
मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने ट्रंप के इस बयान का विरोध किया और प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक बेहद दिलचस्प प्रतिक्रिया दी। शिनबाम ने एक ग्लोबल मैप जारी किया, जिसमें अमेरिका को "Mexican America" के रूप में दर्शाया गया था। यह नक्शा दिखाते हुए उन्होंने ट्रंप की टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "अगर अमेरिका गल्फ ऑफ मेक्सिको का नाम बदलने की बात करता है, तो क्यों न हम अमेरिका को 'Mexican America' कहें?" उन्होंने यह भी तंज कसते हुए कहा, "क्या यह अच्छा नहीं लगेगा? क्यों नहीं अमेरिका को 'Mexican America' कहा जाए?" शिनबाम ने अपने बयान में यह भी उल्लेख किया कि Apatzingán का संविधान 1607 से 'Mexican America' के रूप में ही था। इस बयान में वे मेक्सिको के ऐतिहासिक दृष्टिकोण को सामने लाती हैं, जिससे यह संदेश जाता है कि मेक्सिको की पहचान और विरासत अमेरिका से कहीं अधिक गहरी और पुरानी है।
ट्रंप के विस्तारवादी बयान
यह कोई पहली बार नहीं था जब ट्रंप ने अमेरिका के विस्तार की बात की हो। ट्रंप ने पहले भी कई बार कनाडा, मेक्सिको और अन्य देशों के साथ अमेरिका के संभावित विलय की बातें की थीं। उन्होंने ग्रीनलैंड और पनामा जैसे क्षेत्रीय विवादों पर भी टिप्पणी की थी। पनामा नहर और ग्रीनलैंड पर उन्होंने सैन्य कार्रवाई से इनकार नहीं किया था, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इन मुद्दों पर बातचीत चल रही है। ट्रंप के बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि उनकी विदेश नीति अक्सर विस्तारवादी और आक्रामक होती है, जो वैश्विक राजनीति में बदलाव के संकेत देती है। ट्रंप के अनुसार, पनामा नहर और ग्रीनलैंड पर अमेरिकी नियंत्रण स्थापित करने की संभावना हमेशा बनी रहती है, और इसके लिए सैन्य बल के इस्तेमाल की संभावना को उन्होंने खारिज नहीं किया।
क्या ट्रंप गल्फ ऑफ मेक्सिको का नाम बदल सकते हैं?
एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या ट्रंप वास्तव में गल्फ ऑफ मेक्सिको का नाम बदल सकते हैं। इस संदर्भ में यह जानना जरूरी है कि अमेरिका और मेक्सिको दोनों ही इंटरनेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑर्गेनाइजेशन (IHO) के सदस्य देश हैं, जो समुद्रों और महासागरों के नामकरण की जिम्मेदारी रखते हैं। इसके बावजूद, यदि ट्रंप चाहें तो वह अमेरिका के भीतर गल्फ ऑफ मेक्सिको का नाम बदलकर गॉल्फ ऑफ अमेरिका के नाम का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, वैश्विक स्तर पर ऐसा परिवर्तन केवल तभी संभव होगा जब दोनों देशों के बीच इस पर सहमति बनेगी। हालांकि, यह भी सच है कि नामकरण और स्थलाकृतिक बदलाव एक जटिल प्रक्रिया होते हैं, जिसमें विभिन्न देशों के बीच द्विपक्षीय सहमति और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना आवश्यक होता है। ट्रंप के बयान को लेकर यह सवाल उठता है कि क्या उनके विचार सिर्फ एक स्थानीय प्रशासनिक निर्णय के रूप में रहेंगे, या वे इसे वैश्विक स्तर पर लागू करने की कोशिश करेंगे।
ट्रंप की अन्य विवादास्पद टिप्पणियां
अमेरिकी चुनावों के बाद से डोनाल्ड ट्रंप ने लगातार विवादित बयान दिए हैं। उन्होंने कनाडा, मेक्सिको, ग्रीनलैंड, पनामा और इजरायल से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी योजनाओं का खुलासा किया है। ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको के साथ अमेरिका के व्यापारिक संबंधों को लेकर कड़ी बातें की हैं, जबकि इजरायल और हमास से संबंधित विवादों में भी उनकी टिप्पणियां कई बार बहस का कारण रही हैं। ट्रंप ने यह भी कहा था कि वह ग्रीनलैंड के बजाय डेनमार्क पर टैरिफ लगाने पर विचार कर सकते हैं, जिससे यह संदेश जाता है कि उनकी विदेश नीति कड़े व्यापारिक कदमों और दबाव बनाने पर आधारित हो सकती है। ट्रंप ने पनामा नहर पर भी चर्चा की, जिसमें उन्होंने इसे अपने प्रशासन के एजेंडे में रखा, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि सैन्य बल के प्रयोग से बचने के लिए वे बातचीत को प्राथमिकता देंगे।
"Mexican America" के नक्शे का जारी
शिनबाम के "Mexican America" के नक्शे का जारी होना एक स्पष्ट संदेश देता है कि मेक्सिको अपने राष्ट्रीय गौरव और संप्रभुता को लेकर किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। इसके अलावा, यह भी दिखाता है कि मेक्सिको और अमेरिका के बीच हमेशा तनावपूर्ण और चुनौतीपूर्ण संबंध रहे हैं। हालांकि ट्रंप के बयान को उनके समर्थकों ने एक साहसिक और विस्तारवादी दृष्टिकोण के रूप में देखा, वहीं उनके विरोधियों ने इसे आक्रामक और वैश्विक राजनीति में हस्तक्षेप करने की कोशिश के रूप में परिभाषित किया। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ट्रंप अपनी विदेश नीति को और अधिक आक्रामक बनाएंगे और क्या मेक्सिको इस पर कोई कड़ा कदम उठाएगा। हालांकि, एक बात स्पष्ट है कि वैश्विक राजनीति में इन दोनों नेताओं के बीच की खाई और भी गहरी हो सकती है, खासकर यदि ट्रंप अपनी नीतियों में इसी प्रकार के बदलाव लाने की कोशिश करते हैं।