मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आश्वासन: किसानों का डेटा पूरी तरह सुरक्षित, सरकार ने इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए कई कदम उठाए

Edited By Rahul Rana,Updated: 28 Mar, 2025 05:44 PM

minister shivraj singh chauhan s assurance farmers data is completely safe

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने किसानों के डिजिटल डेटा के सुरक्षित होने की पुष्टि की और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। चौहान ने भाजपा...

नेशनल डेस्क: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को आश्वासन दिया कि किसानों का डेटा राज्यों के पास पूरी तरह सुरक्षित है और सरकार ने इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि डिजिटल डेटा किसानों को सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का लाभ उठाने और कई योजनाओं के तहत दी जाने वाली सेवाओं तक पहुंच बनाने में सक्षम बनाएगा। चौहान ने भाजपा सदस्य ब्रजलाल के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘मैं सदन और किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इन आंकड़ों का इस्तेमाल केवल विभिन्न कार्यक्रमों का लाभ लेने और सेवाओं तक पहुंच बनाने के लिए किया जाएगा। इससे भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि इससे फसल बीमा योजनाओं के तहत दावों के निपटान में भी मदद मिलेगी। 

कृषि मंत्री का आश्वासन: डेटा केवल सेवाओं तक पहुंच के लिए होगा इस्तेमाल

उन्होंने कहा कि किसानों का डेटा उनकी सहमति के बिना साझा नहीं किया जा सकता। चौहान ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी आय बढ़ाने के लिए 2014 से कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम-किसान योजना के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये मिलते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने वार्षिक कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया है, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में उल्लेखनीय वृद्धि की है तथा रिकॉर्ड खाद्यान्न खरीद भी की है। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए निर्यात-आयात नीतियां भी हैं। द्रमुक सदस्य एम थंबीदुरै के इस आरोप पर कि केंद्र तमिलनाडु के किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं कर रहा है, चौहान ने कहा कि मोदी सरकार कई विपक्षी दलों के विपरीत सभी चुनावी वादों को पूरा करती है। उ उन्होंने कहा कि मतदाता उन्हें चुनावों में दंडित करेंगे, जो वादा करते हैं लेकिन उन्हें पूरा नहीं करते। चौहान ने कहा, ‘‘एग्रीस्टैक का एक घटक, राज्य किसान रजिस्ट्री, एक संघीय व्यवस्था में बनाया गया है। इस प्रकार, डेटा का स्वामित्व संबंधित राज्यों के पास है।'' 

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एग्रीस्टैक: किसानों के डेटा की पूरी सुरक्षा  

उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 और देश के अन्य आईटी कानूनों के अनुसार एग्रीस्टैक विकसित किया है। चौहान ने कहा, ‘‘एग्रीस्टैक किसानों के डेटा की पूर्ण गोपनीयता सुनिश्चित करता है। यह सुनिश्चित करके ही किसानों का डेटा केवल उनकी सहमति से एकत्र किया जाता है। किसानों का अपने डेटा पर पूरा नियंत्रण होता है, जिसे केवल एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए उनकी सहमति के आधार पर अधिकृत संस्थाओं के साथ साझा किया जाता है।'' केंद्र सरकार एग्रीस्टैक में मजबूत डेटा सुरक्षा भी सुनिश्चित करती है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) के साइबर सुरक्षा दिशानिर्देशों का पूरी तरह से अनुपालन करती है। चौहान ने कहा, ‘‘एग्रीस्टैक किसानों की जानकारी को कूट भाषा के जरिये भेजता है ताकि केवल नामित सिस्टम ही इसे पढ़ सके। सुरक्षित एपीआई और टोकन-आधारित प्रमाणीकरण सभी डेटा एक्सचेंजों को नियंत्रित करते हैं, जिससे डेटा तक नियंत्रित पहुंच सुनिश्चित होती है। इसके अलावा, सरकार इन सभी आईटी प्रणालियों का सुरक्षा ऑडिट करती है और जोखिमों की निगरानी करती है।'' 

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डिजिटल समावेशन के लिए कदम उठाए

उन्होंने बताया, यद्यपि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच बढ़ी है, लेकिन जिन किसानों के पास मोबाइल फोन नहीं हैं, उनके डिजिटल समावेशन को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए गए है। उन्होंने कहा कि ऐसे किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), कृषि सखियों और कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) जैसी मौजूदा सहायता संरचनाओं का उपयोग कर सकते हैं, ताकि वे एग्रीस्टैक पर पंजीकृत हो सकें और सेवाओं और लाभों तक पहुँच सकें। उन्होंने कहा कि राज्यों में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है ताकि कोई भी किसान एग्रीस्टैक का लाभ पाने से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि सरकार एग्रीस्टैक के कार्यान्वयन के लिए सभी राज्यों को प्रशासनिक और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है। चौहान ने कहा कि किसान रजिस्ट्री की परिकल्पना किसानों के एक गतिशील, सटीक, सत्यापित और अनुमोदित डेटाबेस के रूप में की गई है जिसका नियंत्रण एवं प्रबंधन राज्य करें। उन्होंने कहा, ‘‘यह किसानों पर प्रमाणित जनसांख्यिकीय विवरण, भूमि जोत, पारिवारिक विवरण, बोई गई फसलें, मिट्टी की सेहत, पशुधन के स्वामित्व, मत्स्य पालन की संपत्ति और अन्य व्यवसायों सहित व्यापक और उपयोगी डेटा प्रदान करता है।'' चौहान ने कहा कि यह रजिस्ट्री किसानों को कृषि और संबद्ध गतिविधियों से जुड़े विभिन्न लाभों और सेवाओं, जैसे ऋण, बीमा, खरीद और विपणन सुविधाओं तक पहुंचने के लिए डिजिटल रूप से अपनी पहचान बनाने और प्रमाणित करने में सक्षम बनाती है। 

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