Edited By Anu Malhotra,Updated: 23 Dec, 2024 04:35 PM
शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में नए नियमों की घोषणा की है, जिसके तहत 5वीं और 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षा में असफल होने पर फेल किया जा सकेगा। इन छात्रों को दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा का अवसर मिलेगा। यदि वे इस पुनः परीक्षा में भी...
नेशनल डेस्क: शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में नए नियमों की घोषणा की है, जिसके तहत 5वीं और 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षा में असफल होने पर फेल किया जा सकेगा। इन छात्रों को दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा का अवसर मिलेगा। यदि वे इस पुनः परीक्षा में भी सफल नहीं हो पाते, तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। यह बदलाव पहले से चल रही व्यवस्था का हिस्सा है, जिसमें 8वीं कक्षा तक विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था।
बता दें कि वर्ष 2010-2011 से 5वीं और 8वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को खत्म कर दिया गया था, जिससे विद्यार्थियों को परीक्षा में असफल होने के बावजूद अगली कक्षा में भेज दिया जाता था। हालांकि, इस व्यवस्था के कारण स्कूली शिक्षा का स्तर गिरता गया, जिसका असर 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा परिणामों पर भी पड़ा।
Pooja Khedkar Case: पूर्व IAS प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार
नई व्यवस्था के तहत, राज्य सरकारों को यह अधिकार मिलेगा कि वे चाहें तो 5वीं और 8वीं कक्षा के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करवा सकती हैं। यह नया नियम 'निशुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार संशोधन नियम 2024' के तहत जारी किया गया है, जिसे शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा अधिसूचित किया गया है। यह नियम सरकारी राजपत्र में प्रकाशित होते ही लागू हो गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव शिक्षा के स्तर में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। नई शिक्षा नीति के तहत ऐसे कई बदलाव किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य छात्रों को उनके अध्ययन में अधिक गंभीरता से काम करने का अवसर देना और शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाना है।