Edited By rajesh kumar,Updated: 21 Aug, 2024 08:03 PM
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में मुस्लिम युवक द्धारा 15 वर्षीय हिंदू लड़की के साथ कथित यौन उत्पीड़न करने का मामला सामने आया है। किश्तवाड़ जिला प्रशासन ने इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में मुस्लिम युवक द्धारा 15 वर्षीय हिंदू लड़की के साथ कथित यौन उत्पीड़न करने का मामला सामने आया है। किश्तवाड़ जिला प्रशासन ने इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। यह आदेश पुलिस की कथित ज्यादती के बाद घटना को लेकर स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद दिया गया। किश्तवाड़ के एसएसपी अब्दुल कयूम ने कहा कि पोक्सो अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और दो युवकों को हिरासत में लिया गया है।
सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) मोहम्मद अशरफ ने बताया कि मारवाह एसएचओ जहीर इकबाल को जिला पुलिस लाइन में अटैच कर दिया गया है। जहीर इकबाल ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश दिया था। प्रदर्शनकारियों ने एसएचओ पर आरोपी और उसके परिवार को बचाने का आरोप लगाया।
गुस्साए ग्रामीणों ने आरोपी के घर में तोड़फोड़ की- एसडीएम
एसडीएम ने बताया कि कथित यौन उत्पीड़न के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने आरोपी के घर में तोड़फोड़ की, जिसके बाद आरोपी अपने परिवार के साथ भाग गया। उन्होंने कहा, "हालांकि, जब परिवार सोमवार को वापस लौटा, तो स्थिति फिर से बिगड़ गई क्योंकि ग्रामीणों ने उन पर हमला करने की कोशिश की।" एसडीएम ने कहा कि उन्होंने स्थिति को शांत करने के लिए गांव का दौरा किया।
लोगों से शांति बनाए रखने की अपील
सोशल मीडिया पर प्रसारित कुछ वीडियो का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि विरोध मार्च में भाग ले रही 20-30 महिलाओं के एक समूह को ‘रोका गया और शांत किया गया, लेकिन प्रतिरोध के कारण एक लड़की घायल हो गई।’ अधिकारी ने कहा कि हालांकि किश्तवाड़ के डीएम ने मामले का संज्ञान लिया है और वीडियो क्लिप की प्रामाणिकता का पता लगाया जा रहा है। एसडीएम ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और चेतावनी दी कि जो लोग इस घटना का फायदा उठाकर माहौल खराब करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सनातन धर्म सभा ने घटना की निंदा की
घटना की निंदा करते हुए सनातन धर्म सभा दच्छन ने डीएम और एसएसपी को ज्ञापन सौंपकर हंजेल और चंजर क्षेत्रों में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लिए सुरक्षा की मांग की और वैकल्पिक व्यवस्था की भी मांग की ताकि लड़कियों को स्कूल पहुंचने के लिए वन क्षेत्रों से होकर लंबी दूरी तय न करनी पड़े।