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‘मियां-तियां’ और ‘पाकिस्तानी’ कहना अपराध नहीं - सुप्रीम कोर्ट

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 04 Mar, 2025 03:07 PM

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सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी को ‘मियां-तियां’ और ‘पाकिस्तानी’ कह देना गलत हो सकता है, लेकिन इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी को ‘मियां-तियां’ और ‘पाकिस्तानी’ कह देना गलत हो सकता है, लेकिन इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने इस फैसले के तहत एक सरकारी कर्मचारी को ‘पाकिस्तानी’ कहने के आरोपी व्यक्ति के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द कर दिया।
यह मामला झारखंड से जुड़ा हुआ है, जहां एक उर्दू अनुवादक और कार्यकारी क्लर्क ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, जब वह सूचना के अधिकार (RTI) आवेदन से संबंधित जानकारी लेने के लिए आरोपी से मिलने गया, तो उसके धर्म का जिक्र करते हुए उसे अपशब्द कहे गए और सरकारी कार्य करने से रोका गया।

किन धाराओं के तहत दर्ज हुआ था मामला?
शिकायत के आधार पर आरोपी व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था:

सुप्रीम कोर्ट ने क्यों किया मामला खारिज?
झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश को रद्द करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त द्वारा ऐसा कोई कार्य नहीं किया गया जिससे शांति भंग हो सकती हो। अदालत ने माना कि आरोपी ने जो शब्द इस्तेमाल किए वे खराब स्वाद वाले हैं, लेकिन इससे शिकायतकर्ता की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की बात साबित नहीं होती।

कोर्ट के फैसले का क्या है असर?
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का व्यापक असर हो सकता है। यह निर्णय यह स्पष्ट करता है कि अपमानजनक भाषा का उपयोग करना भले ही नैतिक रूप से गलत हो, लेकिन इसे हमेशा अपराध नहीं माना जा सकता। हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि अगर ऐसे शब्दों के इस्तेमाल से कोई गंभीर विवाद या हिंसा भड़कने की संभावना होती, तो स्थिति अलग हो सकती थी।

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