Edited By Anu Malhotra,Updated: 16 Sep, 2024 11:43 AM
आजकल कई मोबाइल कंपनियां स्मार्टफोन के साथ चार्जर प्रदान नहीं करतीं, जिससे यूजर्स को अलग से चार्जर खरीदना पड़ता है। लंबे समय तक इस्तेमाल के बाद स्मार्टफोन चार्जर में खराबी आ सकती है, जिसे ठीक कराने के बजाय नया खरीदना पसंद किया जाता है। हालांकि, बाजार...
नेशनल डेस्क: आजकल कई मोबाइल कंपनियां स्मार्टफोन के साथ चार्जर प्रदान नहीं करतीं, जिससे यूजर्स को अलग से चार्जर खरीदना पड़ता है। लंबे समय तक इस्तेमाल के बाद स्मार्टफोन चार्जर में खराबी आ सकती है, जिसे ठीक कराने के बजाय नया खरीदना पसंद किया जाता है। हालांकि, बाजार में नकली या फर्जी चार्जर की बढ़ती संख्या के कारण चार्जिंग के दौरान मोबाइल फोन के फटने और बैटरी खराब होने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए, नया चार्जर खरीदने से पहले सावधानी बरतना आवश्यक है।
नकली चार्जर की पहचान कैसे करें
सरकारी BIS Care ऐप का उपयोग
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने अपने BIS Care ऐप के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का एक आसान तरीका प्रदान किया है कि आपका चार्जर असली है या नकली। यहाँ पर इस ऐप का उपयोग करके असली और नकली चार्जर की पहचान कैसे करें:
ऐप डाउनलोड करें: सबसे पहले, BIS Care ऐप को Google Play Store से डाउनलोड और इंस्टॉल करें।
ऐप को ओपन करें: ऐप खोलने के बाद, ‘Verify R Number under CRS’ पर टैप करें।
जानकारी दर्ज करें: अब आपके सामने दो विकल्प होंगे:
प्रोडक्ट रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करें: चार्जर पर ‘R-XXXXXXXX’ फॉर्मेट में यह नंबर लिखा होता है।
QR कोड स्कैन करें: अगर आपको रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं मिल रहा है, तो चार्जर पर बने QR कोड को स्कैन कर सकते हैं।
जानकारी प्राप्त करें: जानकारी दर्ज करने के बाद, आपके फोन की स्क्रीन पर चार्जर से जुड़ी सारी जानकारियाँ प्रदर्शित होंगी। इसमें प्रोडक्ट निर्माता का नाम, देश, प्रोडक्ट की कैटगरी, नाम, इंडियन स्टैंडर्ड नंबर और मॉडल की जानकारी शामिल होती है।
इन जानकारियों से आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि आपका चार्जर असली है या नकली। असली चार्जर का चयन करके आप अपने मोबाइल फोन और बैटरी को संभावित नुकसान से बचा सकते हैं।