Edited By Radhika,Updated: 19 Feb, 2025 02:48 PM
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भारत से मोबाइल निर्यात ने इस वित्तीय वर्ष (FY25) में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है। उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष भारत का मोबाइल निर्यात 1,80,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 40% अधिक है। यह वृद्धि PLI...
नेशनल डेस्क: भारत से मोबाइल निर्यात ने इस वित्तीय वर्ष (FY25) में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है। उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष भारत का मोबाइल निर्यात 1,80,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 40% अधिक है। यह वृद्धि PLI योजना के प्रभाव से संभव हो पाई है, जिसकी शुरुआत वित्त वर्ष 2020-21 में हुई थी।
भारत का मोबाइल निर्यात इस साल जनवरी तक 1,50,000 करोड़ रुपये को पार कर चुका है। केवल जनवरी में ही निर्यात में 25,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। इसी के साथ, भारत अब वैश्विक स्मार्टफोन बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया है। अमेरिका, भारत के स्मार्टफोन निर्यात का एक प्रमुख बाजार बनकर उभरा है।
PLI स्कीम का प्रभाव-
PLI स्कीम के लागू होने के बाद, भारत में मोबाइल फोन का उत्पादन दोगुना हो गया है। जहां पहले मोबाइल उत्पादन 2,20,000 करोड़ रुपये था, वहीं अब यह बढ़कर 4,22,000 करोड़ रुपये हो गया है। आने वाले सालों में यह उत्पादन और बढ़ने की उम्मीद है और वित्त वर्ष 2024-25 तक यह 5,10,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
भविष्य के लक्ष्य-
आईसीईए के अध्यक्ष पंकज मोहिन्द्रू ने कहा कि, अब उद्योग की प्राथमिकता घरेलू मूल्य संवर्धन बढ़ाने और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने पर होगी। उनका कहना था कि इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाकर, भारत अपने 500 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण लक्ष्य को हासिल करने के रास्ते पर है।
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भारत की यह उपलब्धि सरकारी समर्थन और उद्योग की क्षमता का परिणाम है। स्मार्टफोन अब भारत की सबसे बड़ी निर्यात वस्तु बनने की ओर अग्रसर है, जो भारतीय विनिर्माण की क्षमता में बदलाव का संकेत है।पंकज मोहिन्द्रू ने कहा कि भारत को आत्मसंतुष्ट होने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए। भारत के पास अब अपार अवसर हैं, और उसे तेजी से विकसित होते भू-राजनीतिक परिदृश्य का फायदा उठाना चाहिए।