Edited By Archna Sethi,Updated: 06 Mar, 2025 06:38 PM

प्रदेशभर में शुरू होंगे मोबाइल मोहल्ला क्लीनिक
चंडीगढ़, 6 मार्च (अर्चना सेठी) "नशे के व्यापारी और तस्कर अब या तो जेल में होंगे, या थानों में, या फिर पंजाब से बाहर चले जाएंगे। इस पर काम अब शुरू हो चुका है।" ये विचार पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने गांव जनेर स्थित सरकारी पुनर्वास केंद्र में सभी अधिकारियों और जिले के सरकारी/निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों के प्रबंधकों के साथ बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले पंजाब के लोगों को जो गारंटियां दी थीं, वे सभी पूरी की जा रही हैं। अब पंजाब सरकार ने प्रदेश को नशा मुक्त करने का संकल्प लिया है। इसमें वे लोग जो किसी कारणवश नशे की दलदल में फंस गए हैं, उनका इलाज करवा कर उन्हें स्वस्थ समाज का हिस्सा बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए शुरू किए गए "युद्ध नशों विरुद्ध" मुहिम की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। नशे के खात्मे के लिए समाज के हर वर्ग के लोगों का सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश की युवाओं को बचाना है और उन्हें गलत रास्ते पर ले जाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने बताया कि जो लोग नशा करते हैं, उनके प्रति सरकार हमदर्दी रख रही है। इसी हमदर्दी के तहत मरीजों का इलाज किया जा रहा है। सबसे पहले उन लोगों को टीके की जगह गोलियां दी जाएंगी ताकि ओवरडोज से होने वाली मौतें बंद हो सकें। फिर धीरे-धीरे उनकी गोलियां भी छुड़वाई जाएंगी, उन्हें खेलों से जोड़ा जाएगा और रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 763 उम्मीदवारों को स्थायी नौकरी दी है। उन्होंने बताया कि नशा मुक्त होने वालों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार दिया जाएगा और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया जाएगा। इसके अलावा, सभी नशा छुड़ाओ केंद्रों के साथ एक 'नार्कोटिक सपोर्ट ग्रुप' भी बनाया जाएगा। इस कार्य में प्रवासी पंजाबियों (एन आर आई), गैर-सरकारी संगठनों (एन जी ओ) और धार्मिक संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा तथा उन्हें आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले चिट्टे की समस्या को जड़ से खत्म करना है। पंजाब सरकार के इस 'युद्ध नशों विरुद्ध' मुहिम को जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। लोग सरकार को आशीर्वाद दे रहे हैं कि वह उनके बेटों और भाइयों को नशे की दलदल से निकालने के लिए पूरी मेहनत कर रही है। उन्होंने कहा कि नशे की समस्या को पूरे राज्यवासियों को एकजुट होकर हल करना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार नशे की लत से पीड़ित व्यक्तियों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए विभिन्न प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत नशा छुड़वाकर इन व्यक्तियों को व्यावसायिक कोर्स कराए जाएंगे और उन्हें सरकारी योजनाओं के तहत ऋण दिलवाकर स्वरोजगार शुरू करवाया जाएगा। उन्होंने विशेष रूप से प्रदेश की महिलाओं से अपील की कि यदि उनके परिवार का कोई सदस्य नशे की गिरफ्त में है, तो उसे सरकारी नशा छुड़ाओ केंद्र में लाएं। सरकार वादा करती है कि उनके परिवारजन को एक नया, स्वस्थ जीवन जीने का अवसर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों के विपरीत, अब नशे के कारोबार में किसी भी राजनीतिक व्यक्ति का हाथ नहीं है और पुलिस भी किसी राजनीतिक दबाव के बिना काम कर रही है। नशा तस्करों के प्रति कोई भी सहानुभूति नहीं है। अगर किसी ने इस धंधे से अवैध संपत्ति बनाई है, तो सरकार उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत जब्त कर लेगी।
स्वास्थ्य क्रांति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही प्रदेशभर में मोबाइल मोहल्ला क्लीनिक शुरू करने जा रही है। इनमें 40 से अधिक स्वास्थ्य जांच और करीब 125 दवाइयां उपलब्ध होंगी। वर्तमान में 71 वैन पहले से ही काम कर रही हैं। अगले कुछ महीनों में पंजाब सरकार 200 और स्वास्थ्य केंद्र खोलेगी। ये मोबाइल क्लीनिक गांव-गांव जाकर मुफ्त दवाइयां वितरित करेंगे। हर दिन दो गांवों में यह वैन पहुंचेगी, जहां लोगों को निर्धारित समय पर मुफ्त इलाज मिलेगा।
उन्होंने कहा कि अब सभी जरूरी दवाइयां सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध करा दी गई हैं। यदि किसी अस्पताल में दवाइयों की कमी होती है, तो संबंधित सिविल सर्जन या एसएमओ जवाबदेह होंगे। कोई भी डॉक्टर मरीज को बाहर से दवा लाने के लिए नहीं कहेगा।
उन्होंने बताया कि पंजाब में छह नए केंद्र बनाए जाएंगे, जहां मरीजों के घुटने बदले जाने की सुविधा होगी। लुधियाना में एक 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' बनाया गया है, जहां डायलिसिस के लिए 25 मशीनें लगाई गई हैं। इसी तरह, एक और केंद्र पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल में बनाया जा रहा है। यह सब हब एंड स्कोप मॉडल है।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों के संचालकों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि आपके केंद्र नशा छुड़ाने के लिए चल रहे हैं, केवल नशीली गोलियां बेचने के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों की कार्यप्रणाली पर वे खुद नजर रखेंगे और समय-समय पर जांच भी की जाएगी। यदि किसी निजी नशा छुड़ाओ केंद्र के बाहर नशीली गोलियां बेची जाती हैं, तो संबंधित प्रबंधकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों के संचालकों से मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता की भी जानकारी ली।