Edited By Yaspal,Updated: 16 Sep, 2024 06:10 AM
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए)सरकार ने अपने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों के दौरान तीन लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है
नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए)सरकार ने अपने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों के दौरान तीन लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसमें 25,000 गांवों को सड़क नेटवर्क से जोड़ना और महाराष्ट्र के वधावन में एक विशाल बंदरगाह का निर्माण शामिल है। सरकार का बुनियादी ढांचे के अलावा कृषि पर भी ध्यान रहा है और इस अवधि में उसने खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि, प्याज और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को हटाना तथा कच्चे पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों के आयात शुल्क में वृद्धि शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष नौ जून को लगातार तीसरी बार पदभार ग्रहण किया। मोदी सरकार का जोर नीतिगत मोर्चे पर स्थिरता प्रदान करने पर रहा है, तथा मूल अवधारणा को कमजोर किए बिना शुरुआती समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ बदलावों को अपनाने के लिए लचीला दृष्टिकोण अपनाया गया है। इसका एक उदाहरण वस्तु एवं सेवा कर है, जिसमें टकराव कम करने के लिए 140 परिवर्तन किए गए हैं। सरकार ने महाराष्ट्र में 76,200 करोड़ रुपये की लागत से विशाल वधावन बंदरगाह को मंजूरी दी, जो दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में से एक होगा।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-4 (पीएमजीएसवाई-IV) के अंतर्गत 49,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता से 25,000 गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए 62,500 किलोमीटर सड़कों और पुलों के निर्माण/उन्नयन को मंजूरी दी गई। इनमें से कई गांवों की आबादी 100 से कम है। सरकार ने 50,600 करोड़ रुपये के निवेश से भारत के सड़क नेटवर्क को मजबूत करने को भी मंजूरी दी है, जिसमें 936 किलोमीटर लंबी आठ राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी भी शामिल है।
मोदी ने लद्दाख को हिमाचल प्रदेश से जोड़ने वाली शिंखुन-ला सुरंग के निर्माण कार्य की शुरुआत के लिए पहला विस्फोट भी किया। सरकार ने रेल द्वारा तीव्र एवं सुविधाजनक यात्रा के लिए आठ नई रेलवे लाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिससे 4.42 करोड़ मानव-दिवस रोजगार सृजित होंगे। राष्ट्रीय स्तर की समिति द्वारा नई राष्ट्रीय सहकारी नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है तथा उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। सरकार ने ‘एग्रीश्योर' नाम से एक नया कोष भी शुरू किया, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में क्रांति लाना तथा स्टार्टअप्स और ग्रामीण उद्यमों को समर्थन देना है।