Edited By Utsav Singh,Updated: 09 Oct, 2024 03:58 PM
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत की और सरकार के नए कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसके अनुसार...
नेशनल डेस्क : केंद्रीय कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसके अनुसार गरीबों को मुफ्त अनाज देने की योजना को दिसंबर 2028 तक बढ़ा दिया गया है। यह फैसला विशेष रूप से उन परिवारों के लिए राहत भरा है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है। सरकार का मानना है कि इस पहल से सामाजिक और आर्थिक विकास में मदद मिलेगी, खासकर उन परिवारों के लिए जो रोजमर्रा के भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
योजना का दायरा
इस योजना के तहत, गरीब परिवारों को हर महीने अनाज प्रदान किया जाएगा। यह अनाज विभिन्न प्रकार के अनाज, जैसे गेहूं और चावल, शामिल होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी जरूरतमंद लोगों को उचित मात्रा में खाद्य सामग्री मिल सके।
सीमावर्ती इलाकों में किया जाएगा सड़क निर्माण
साथ ही इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत की और सरकार के नए कदमों के बारे में जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। उनका मानना है कि मजबूत बुनियादी ढांचा देश की सुरक्षा और विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
निवेश का विवरण
बैठक में निर्णय लिया गया कि सीमावर्ती इलाकों में 4,406 करोड़ रुपये के निवेश से 2,280 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना न केवल स्थानीय लोगों के लिए सुविधाएं बढ़ाएगी, बल्कि देश की सुरक्षा को भी सुदृढ़ करेगी।
विकास के लाभ
इस सड़कों के निर्माण से सीमावर्ती क्षेत्रों में आवागमन में सुधार होगा, जिससे व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, यह सुरक्षा बलों की तैनाती और ऑपरेशन में भी मदद करेगा।केंद्रीय कैबिनेट के इस निर्णय से स्पष्ट होता है कि सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दे रही है। इससे न केवल स्थानीय लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।