Edited By Pardeep,Updated: 18 Feb, 2025 06:19 AM
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के भारत आगमन पर प्रोटोकॉल तोड़ कर स्वयं हवाई अड्डे पर आकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। मोदी ने पालम टेक्नीकल एरिया में देर शाम को कतर के अमीर का स्वागत किया।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के भारत आगमन पर प्रोटोकॉल तोड़ कर स्वयं हवाई अड्डे पर आकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। मोदी ने पालम टेक्नीकल एरिया में देर शाम को कतर के अमीर का स्वागत किया।
उन्होंने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, "मेरे भाई, कतर के अमीर एच. एच. शेख तमीम बिन हमद अल थानी का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे गया। उनके भारत की सफल यात्रा की कामना और कल हमारी बैठक के लिए प्रतीक्षारत हूं।'' हवाई अड्डे से होटल पहुंचने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कतर के अमीर से शिष्टाचार भेंट की। हमद अल थानी का कल सुबह राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में रस्मी स्वागत किया जाएगा। वह राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। इसके पश्चात हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी।
कतर के अमीर कल शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट करेंगे। राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया जाएगा। इसके पश्चात रात में वह स्वदेश लौट जाएंगे। उल्लेखनीय है कि कतर ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई थी। देश में इस मुद्दे के जोर पकड़ने पर मोदी की पहल के परिणाम स्वरूप उनके प्राण रक्षा हुई और उनकी सही सलामत वापसी सुनिश्चित हुई।
कौन हैं तमीम हमद अल-थानी
तीन जून 1980 को कतर के दोहा में जन्मे तमीम बिन अल-थानी, कतर के सबसे युवा अमीर हैं। उन्होंने 25 जून 2013 को अपने पिता शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी से सत्ता संभाली, जब उनके पिता ने अपने बेटे के लिए अमीर का पद छोड़ने का निर्णय लिया। यह कतर में एक ऐतिहासिक बदलाव था, क्योंकि इससे पहले अरब देशों के शासक अक्सर आजीवन अपने पदों पर बने रहते थे। तमीम का यह कदम राजनीतिक दृष्टि से अप्रत्याशित था और यह कतर के भविष्य को आकार देने में अहम साबित हुआ।
शिक्षा, सेना और खेलों में रुचि
ब्रिटेन में शिक्षा प्राप्त करने के बाद तमीम ने कतर की सेना में अपनी सेवाएं दीं। वह 2003 में कतर के क्राउन प्रिंस बने और 2009 में सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य किया। तमीम बिन अल-थानी को खेलों में विशेष रुचि रही है, और उन्होंने 2006 में कतर में हुए एशियाई खेलों की सफल मेज़बानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी नेतृत्व क्षमता को ध्यान में रखते हुए, कतर ने 2022 में फीफा विश्व कप की मेज़बानी भी तमीम के शासनकाल में की थी, जो एक ऐतिहासिक घटना थी।
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और आर्थिक परिवर्तन
तमीम के नेतृत्व में कतर ने वैश्विक कूटनीतिक दृष्टिकोण में कई बदलाव किए हैं। 2014 में कतर के पड़ोसी देशों ने कतर से अपने राजदूत वापस बुला लिए थे, और 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने कतर के साथ संबंध तोड़कर उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। इस समय में, तमीम ने कतर की विदेश नीति को नया मोड़ दिया और तुर्की, ईरान, कुवैत, और ओमान जैसे देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया। 2018 और 2019 में, तमीम ने खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन 2021 में जब उन्होंने वार्षिक बैठक में वापसी की, तो वहां उन्होंने प्रतिबंध हटाने और कतर के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों की बहाली पर महत्वपूर्ण समझौते किए।
भारत के साथ संबंधों में मजबूती
कतर और भारत के द्विपक्षीय संबंधों में भी सुधार आया है। कतर के निर्णय के बाद, भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को कतर की जेल से रिहा किया गया, जो कतर की अदालत से मौत की सजा पा चुके थे। यह कूटनीतिक जीत भारत के लिए महत्वपूर्ण मानी गई। इसके अलावा, कतर और भारत के बीच एलएनजी (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं, क्योंकि कतर दुनिया का सबसे बड़ा एलएनजी निर्यातक देश है।
निजी जीवन
तमीम बिन अल-थानी ने तीन शादियां की हैं और उनके कुल 13 संतानें हैं। वह न केवल कतर के सबसे युवा अमीर हैं, बल्कि दुनियाभर में उनके नेतृत्व को एक नई दिशा देने वाले राष्ट्राध्यक्षों में गिना जाता है।