Edited By Utsav Singh,Updated: 15 Aug, 2024 01:50 PM
5 अगस्त को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नागपुर मुख्यालय पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर मुख्यालय में तैनात CISF के जवानों ने ध्वज को सलामी दी, और संघ के स्वयंसेवक भी उपस्थित थे।
नेशनल डेस्क : 15 अगस्त को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नागपुर मुख्यालय पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर मुख्यालय में तैनात CISF के जवानों ने ध्वज को सलामी दी, और संघ के स्वयंसेवक भी उपस्थित थे। ध्वजारोहण के बाद भारत माता का पूजन भी किया गया। मोहन भागवत ने अपने संबोधन में पड़ोसी देश बांग्लादेश की स्थिति का उल्लेख किया, हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर बांग्लादेश का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश में भारी उत्पात हो रहा है और वहां रहने वाले हिंदू बंधुओं को बिना किसी कारण के कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
भारत ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया
संघ प्रमुख ने भारतीय परंपरा की बात करते हुए कहा कि भारत का यह कर्तव्य है कि वह अपनी रक्षा और स्वतंत्रता सुनिश्चित करे, लेकिन भारत की परंपरा यह भी है कि वह अपने आप को दुनिया के भले के लिए बड़ा करता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया और हमेशा संकटग्रस्त देशों की मदद की है, बिना यह देखे कि वे देश हमारे साथ कैसा व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा कि संकट में पड़ने वाले देशों की सहायता करना भारतीय परंपरा का हिस्सा है और यही मार्गदर्शन हमें अपनाना चाहिए।
दुखी लोगों की मदद करना भारत की जिम्मेदारी
मोहन भागवत ने आगे कहा कि दुनिया भर के दुखी और पीड़ित लोगों की मदद करना भारत की जिम्मेदारी है, और हमारी सरकार भी ऐसा करती है। उन्होंने बताया कि यदि अन्य देशों को हमारी मदद की जरूरत है और वहां के लोग अराजकता और अस्थिरता का सामना कर रहे हैं, तो हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि उन पर कोई अत्याचार न हो। उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि ऐसे मामलों में सरकार को अपने स्तर पर कदम उठाने पड़ते हैं, लेकिन समाज की सजगता और समर्पण भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि केवल सरकार ही नहीं, बल्कि समाज का हर व्यक्ति देश के लिए सब कुछ अर्पण करने की मानसिकता के साथ जीए, तभी देश को सच्ची शक्ति मिलेगी।