Edited By Rohini Oberoi,Updated: 02 Mar, 2025 04:16 PM
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फायर फ्लाई एयरोस्पेस के चंद्रमा मिशन ब्लू घोस्ट ने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की है। यह लैंडिंग चांद के मेयर क्रीसियम क्षेत्र में हुई जो चांद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस मिशन की शुरुआत 15 जनवरी 2025 को हुई थी जब इसे स्पेसएक्स के फाल्कन 9...
नेशनल डेस्क। फायर फ्लाई एयरोस्पेस के चंद्रमा मिशन ब्लू घोस्ट ने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की है। यह लैंडिंग चांद के मेयर क्रीसियम क्षेत्र में हुई जो चांद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस मिशन की शुरुआत 15 जनवरी 2025 को हुई थी जब इसे स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा अंतरिक्ष में भेजा गया था। यह मिशन तीन बड़े स्पेस मिशनों की शुरुआत का हिस्सा है जो चांद के इस न देखे गए हिस्से में उतरने वाले हैं।
फायर फ्लाई एयरोस्पेस और नासा का सहयोग
फायर फ्लाई एयरोस्पेस ने इस मिशन को नासा के साथ मिलकर सफलतापूर्वक पूरा किया। मिशन के दौरान अंतरिक्षयान ने लगभग एक महीने तक पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाए और फिर 16 दिनों तक चंद्रमा की कक्षा में रहने के बाद 2 मार्च को चांद की सतह पर सुरक्षित रूप से लैंडिंग की। इस सफलता के बाद फायर फ्लाई एयरोस्पेस पहली निजी कंपनी बन गई है जिसका अंतरिक्षयान चांद पर लैंड हुआ है।
ब्लू घोस्ट मिशन का उद्देश्य
ब्लू घोस्ट मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा के वातावरण और उसकी आंतरिक संरचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र करना है। इस मिशन के तहत नासा ने 10 पेलोड भेजे हैं जो उनके कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विस प्रोग्राम का हिस्सा हैं। मिशन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य चांद के आंतरिक हिस्से में गर्मी के बहाव का अध्ययन करना है जिससे वैज्ञानिकों को चांद पर गर्मी की उत्पत्ति के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
मिशन की लंबाई और महत्व
ब्लू घोस्ट मिशन लगभग 14 दिनों तक चलेगा जो चांद के एक दिन के बराबर है। यह सफल मिशन चांद पर इंसानी पहुंच को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। फायर फ्लाई एयरोस्पेस के इस मिशन ने चांद पर शोध और अन्वेषण के नए रास्ते खोले हैं और अंतरिक्ष अन्वेषण में निजी कंपनियों की बढ़ती भूमिका को साबित किया है।
यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह भविष्य में चांद पर मानव मिशनों के लिए रास्ता भी तैयार करेगा।