Edited By Pardeep,Updated: 10 Feb, 2025 06:48 AM
![more than 7 000 women took the initiation of sannyasa in various akhadas](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_05_43_41503183900-ll.jpg)
प्रयागराज महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों में 7,000 से अधिक महिलाओं ने संन्यास की दीक्षा ली। आधिकारिक बयान के मुताबिक, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी और वैष्णव...
नेशनल डेस्कः प्रयागराज महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों में 7,000 से अधिक महिलाओं ने संन्यास की दीक्षा ली। आधिकारिक बयान के मुताबिक, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी और वैष्णव संतों के धर्माचार्यों के अंतर्गत सनातन से जुड़ने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक रही। सभी प्रमुख अखाड़ों में इस बार 7,000 से अधिक महिलाओं ने गुरु दीक्षा ली और सनातन की सेवा का संकल्प लिया।
संन्यासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की अध्यक्ष डॉ. देव्या गिरी ने कहा, “इस बार महाकुंभ में 246 महिलाओं को नागा संन्यासिनी को दीक्षा दी गई। इससे पूर्व 2019 के कुंभ में 210 महिलाओं को नागा संन्यासिनी की दीक्षा दी गई थी।” देव्या गिरी ने बताया कि जिन महिलाओं को दीक्षा दी गई उनमें अधिक संख्या उच्च शिक्षित और आत्म चिंतन के लिए जुड़ने वाली महिलाओं की है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ जैसे धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन से जन मानस को सनातन को समझने और इससे जुड़ने का अवसर मिलता है।
महाकुंभ में युवाओं की भूमिका को लेकर शोध करने आई दिल्ली विश्वविद्यालय की शोध छात्रा इप्शिता होलकर ने बताया कि महाकुंभ के प्रथम स्नान पर्व- पौष पूर्णिमा से लेकर बसंत पंचमी तक विभिन्न प्रवेश द्वारों पर किए गए सर्वेक्षण में महाकुंभ में आ रहे हर 10 आगंतुकों में चार महिलाएं देखी गईं जिसमें नई पीढ़ी की संख्या 40 फीसदी है। गोविंद वल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान की तरफ से इस विषय पर किए जा रहे सर्वे और शोध में भी इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि नई पीढ़ी में सनातन को समझने की ललक तेजी से बढ़ी है।