Edited By Chandan,Updated: 15 Nov, 2019 03:47 PM
बॉलीवुड के उम्दा कलाकार नवाजुद्दीन सिद्दीकी और अथिया शेट्टी स्टारर फिल्म ''मोतीचूर चकनाचूर'' आज सभी सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। ये एक फैमिली ड्रामा फिल्म है, जिसमें देवा मित्रा बिस्वाल ने छोटे शहर के दो पड़ोसियों की कहानी को बड़े पर्द पर परोसा है।
फिल्म - मोतीचूर चकनाचूर /motichoor chaknachoor
निर्देशक - देवा मित्रा बिस्वाल (Deva mitra biswal)
स्टारकास्ट - नवाजुद्दीन सिद्दीकी, आथिया शेट्टी
रेटिंग - 3/5 स्टार
नई दिल्ली। बॉलीवुड के उम्दा कलाकार नवाजुद्दीन सिद्दीकी और अथिया शेट्टी स्टारर फिल्म 'मोतीचूर चकनाचूर' आज सभी सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। ये एक फैमिली ड्रामा फिल्म है, जिसमें देवा मित्रा बिस्वाल ने छोटे शहर के दो पड़ोसियों की कहानी को बड़े पर्द पर परोसा है।
कहानी
फिल्म की कहानी भोपाल के रहने वाले पुष्पिंदर त्यागी (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) की होती है जहां 36 साल के होने के बाद भी पुष्पिंदर त्यागी कुंवारे रहते हैं। ऐसे में उनको हर हाल में अपना घर बसाना है जिसके लिए वो किसी भी लड़की से शादी करने को तैयार होते हैं। लेकिन उन्हें हर बार रिजेक्ट कर दिया जाता है।
वहीं दूसरी ओर अनीता (अथिया शेट्टी) की कहानी है जिसके जीवन का बस एक ही सपना होता है कि वो शादी के बाद विदेश में जाकर सैटल हो जाए। इस वजह से अनीता कई लड़कों को रिजेक्ट कर चुकि होती है। वहीं जब अनीता और उसकी मौसी को पता चलता है कि पुष्पिंदर दुबई में नौकरी करता है तो किसी भी तरह अनीता पुष्पिंदर से शादी कर लेती है। वहीं कहानी में ट्विस्ट तो तब आता है जब पता चलता है कि पुष्पिंदर की दुबई से नौकरी छूट चुकी है। ये पता लगने के बाद अब क्या अनीता पुष्पिंदर से शादी तोड़ देती है या नहीं, ये जानने के लिए आपको सिनेमाघरों तक जाना पड़ेगा।
एक्टिंग
वर्सेटाइल एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी जब भी बड़े पर्द पर आते हैं तो दर्शकों के लिए कुछ नया ही लाते हैं। इस बार भी उन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय से भरपूर मनोरंजन किया है। फिल्म में 36 साल के कुंवारे लड़के के रोल में नवाजुद्दीन बेहद जम रहे हैं, वहीं नवाजुद्दीन शुरू से लेकर खूब एंटरटेन करते हैं। अथिया शेट्टी ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है।
डायरेक्शन
फिल्म का डायरेक्शन और भी बेहतर हो सकता था। डायरेक्टर देबामित्रा ने कहानी की शुरुआत तो एक अलग अंदाज में की है लेकिन फिर धीरे-धीरे फिल्म की गति धीमी हो जाती है। वहीं एडिटिंग में वो मजा नहीं आया। देखा जाए तो फिल्म की मजबूत कड़ी फिल्म के कलाकार ही थें जहां सभी ने अपनी लाजवाब एक्टिंग से इस फिल्म में जान डाल दी है।
गानें
फिल्म के गाने ठीक-ठाक है। वहीं बैकग्राउंड म्यूजिक की बात करें तो फिल्म की सिचुएशन के साथ बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ जम नहीं रहा है।