Edited By Anu Malhotra,Updated: 03 Feb, 2025 08:29 AM
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) तकरीबन पांच साल में पहली बार रेपो दर में कटौती कर सकती है। बिजनेस स्टैंडर्ड के सर्वेक्षण में शामिल 10 में से अधिकांश प्रतिभागियों का मानना है कि आगामी बैठक में रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती...
नेशनल डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) तकरीबन पांच साल में पहली बार रेपो दर में कटौती कर सकती है। बिजनेस स्टैंडर्ड के सर्वेक्षण में शामिल 10 में से अधिकांश प्रतिभागियों का मानना है कि आगामी बैठक में रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती हो सकती है। जिससे होम लोन लेने वालों को बड़ी राहत मिल सकती है।
बजट के बाद RBI की भूमिका अहम
केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में राजकोषीय अनुशासन बनाए रखते हुए खपत को बढ़ाने के उपायों की घोषणा के बाद अब आर्थिक विकास को गति देने के लिए RBI की ओर से कदम उठाए जाने की संभावना बढ़ गई है।
RBI 7 फरवरी को मौद्रिक नीति समीक्षा के अपने फैसले की घोषणा करेगा। मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो दर में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी के बाद लगातार 11 बैठकों में इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। अंतिम बार मई 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान रेपो दर में कटौती की गई थी।
रेपो दर में कटौती के प्रमुख कारण
अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार: चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 5.4% रह गई, जो सात तिमाहियों में सबसे कम है।
मुद्रास्फीति में नरमी: दिसंबर में खुदरा महंगाई दर घटकर 5.22% रही, जो चार महीनों में सबसे कम है।
बैंकिंग सिस्टम में नकदी का प्रवाह: RBI द्वारा हाल में नकदी बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों से दर कटौती के संकेत मिले हैं। IDFC फर्स्ट बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता का कहना है, "फरवरी में रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती संभव है, क्योंकि महंगाई बढ़ने का जोखिम कम हुआ है। वित्त वर्ष 2026 में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 4% रह सकती है।"
RBI के फैसले को लेकर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि RBI अपने मौद्रिक नीति रुख में कोई बदलाव नहीं करेगा और वैश्विक अनिश्चितता को देखते हुए ‘तटस्थ’ रुख बनाए रखेगा। दिसंबर में RBI ने चालू वित्त वर्ष के लिए GDP वृद्धि दर के अनुमान को 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया था, जबकि मुद्रास्फीति अनुमान को 4.5% से बढ़ाकर 4.8% कर दिया था।
करूर वैश्य बैंक के ट्रेजरी हेड वी. आर. सी. रेड्डी का कहना है, "RBI पहले ही नकदी बढ़ाने के उपाय कर चुका है, ऐसे में नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में और कटौती की संभावना नहीं दिख रही है।" अब सबकी नजर 7 फरवरी को होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक पर टिकी है, जहां RBI संभावित दर कटौती पर अंतिम फैसला लेगा।