Edited By Harman Kaur,Updated: 27 Jan, 2025 05:51 PM
कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती बी.एम. को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि दोनों के पास मैसूरु में हुए शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन घोटाले में ED से बचने का कोई...
नेशनल डेस्क: कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती बी.एम. को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि दोनों के पास मैसूरु में हुए शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन घोटाले में ED से बचने का कोई रास्ता नहीं है। विजयेंद्र ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती, उनके रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी और अन्य आरोपी शामिल हैं।
पार्वती पर लगे गंभीर आरोप
पार्वती पर आरोप है कि उन्होंने मैसूरु के केसारे गांव में अपनी लगभग तीन एकड़ जमीन के बदले मैसूरु के पॉश इलाके में एमयूडीए से 14 भूखंड हासिल किए। यह मामला अब लोकायुक्त पुलिस के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धन शोधन के आरोपों के तहत जांच किया जा रहा है। विजयेंद्र ने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पार्वती की संलिप्तता के बावजूद मामले में उनकी बचने की कोई संभावना नहीं है।
घोटाले के खुलासे पर विजयेंद्र की प्रतिक्रिया
भाजपा नेता विजयेंद्र ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती और मंत्री बिरथी सुरेश को इस मामले में जांच एजेंसियों से बचने का कोई मौका नहीं मिलेगा।" उन्होंने आगे कहा कि उनके पास जानकारी है कि लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में सिद्धारमैया और अन्य को क्लीनचिट देते हुए उच्च न्यायालय में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। हालांकि, विजयेंद्र के अनुसार, पार्वती ने एमयूडीए आयुक्त को भूखंड वापस करने के लिए पत्र लिखा था, जिसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को यह उम्मीद थी कि वह इस घोटाले से बच जाएंगे।
ईडी का नोटिस और मुख्यमंत्री को झटका
लेकिन विजयेंद्र का कहना था कि जब ईडी ने सिद्धारमैया और उनके परिवार के खिलाफ नोटिस जारी किया, तो उन्हें एक बड़ा झटका लगा। विजयेंद्र ने यह भी आरोप लगाया कि यह घोटाला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी की संलिप्तता के कारण सामने आया है और अब इस मामले में ईडी की जांच से बचना कठिन होगा। इस घोटाले ने राज्य में राजनीति को और गरमा दिया है और भाजपा अब इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।