Edited By rajesh kumar,Updated: 18 Aug, 2024 03:51 PM
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 22 अगस्त को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाई है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में कथित भूखंड आवंटन घोटाले में मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने...
नेशनल डेस्क: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 22 अगस्त को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाई है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में कथित भूखंड आवंटन घोटाले में मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने के बाद यह बैठक बुलाई गयी है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी बयान के अनुसार, बैठक विधान सौध सम्मेलन कक्ष में होगी।
कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियंक खरगे ने पत्रकारों से कहा, “चूंकि राज्यपाल की भूमिका को लेकर बहुत हंगामा हो रहा है, इसलिए हमें अपने लोगों को अवगत कराने की जरूरत है। आखिरकार वे जनप्रतिनिधि हैं। 136 विधायकों को यह जानने की जरूरत है कि क्या हो रहा है।” मुख्यमंत्री आवास के एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, “यह बैठक एमयूडीए घटनाक्रम से संबंधित है। मुख्यमंत्री कांग्रेस विधायकों को मामले के तथ्यों से अवगत कराएंगे और कानूनी और राजनीतिक रूप से इस मामले से लड़ने की रणनीति तैयार करेंगे।” तीन निजी व्यक्तियों की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए गहलोत ने सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी।
एमयूडीए ने सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु के एक पॉश इलाके में हर्जाने के तौर पर भूखंड आवंटित किए थे और आरोप है कि उसका संपत्ति मूल्य उस स्थान की तुलना में अधिक था, जिसे एमयूडीए द्वारा “अधिग्रहित” किया गया था। भाजपा नेताओं ने दावा किया है कि एमयूडीए घोटाला चार से पांच हजार करोड़ रुपये का है। कांग्रेस सरकार ने 14 जुलाई को एमयूडीए घोटाले की जांच के लिए उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी.एन. देसाई की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। मुख्यमंत्री ने कथित घोटाले में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया।