Edited By Mahima,Updated: 12 Feb, 2025 12:57 PM
मुंबई पुलिस ने रणवीर अल्लाहबादिया, अपूर्व मखीजा (द रिबेल किड) और समय रैना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन पर भारतीय पारिवारिक व्यवस्था और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है। रणवीर ने माता-पिता के संबंधों पर अपत्तिजनक टिप्पणी की, जबकि मखीजा ने...
नेशनल डेस्क: मुंबई पुलिस ने विवादित "इंडियाज गॉट लेटेंट रोस्ट शो" में की गई टिप्पणियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया, यूट्यूबर अपूर्व मखीजा (जिन्हें द रिबेल किड के नाम से भी जाना जाता है) और कॉमेडियन समय रैना सहित अन्य के खिलाफ दर्ज की गई है। इन पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय पारिवारिक व्यवस्था का अपमान किया और धार्मिक भावनाओं को आहत किया।
शिकायतकर्ता, सन्मति पांडे ने रणवीर अल्लाहबादिया की एक विवादास्पद टिप्पणी का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था, "क्या आप अपने माता-पिता को अपने जीवन के बाकी दिनों में हर दिन सेक्स करते देखना पसंद करेंगे या एक बार शामिल होकर इसे हमेशा के लिए बंद कर देंगे?" इस टिप्पणी के संदर्भ में शिकायतकर्ता का कहना है कि यह टिप्पणी न केवल व्यक्तिगत रूप से आपत्तिजनक है, बल्कि यह भारतीय परिवारों और उनके पारंपरिक मूल्यों का अपमान करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस टिप्पणी से उनके धार्मिक विश्वासों को ठेस पहुंची है और समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की गई है।
साथ ही, अपूर्व मखीजा की एक और विवादास्पद टिप्पणी पर भी विवाद उठ खड़ा हुआ। मखीजा ने अरुणाचल प्रदेश के लोगों के खाने की आदतों को लेकर कहा था, "अरुणाचल प्रदेश के लोग कुत्ते का मांस खाते हैं, हालांकि मैंने कभी इसका स्वाद नहीं चखा है। मुझे पता है क्योंकि मेरे दोस्त इसे खाते हैं। वे कभी-कभी अपने पालतू जानवरों को भी खा जाते हैं।" इस बयान को लेकर शिकायत में कहा गया है कि इससे न केवल अरुणाचल प्रदेश के लोगों की संस्कृति का अपमान हुआ है, बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों में शांति और सद्भाव को भी खतरा पैदा हो सकता है।
समय रैना भी इस शो के निर्माण का हिस्सा थे और उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया था, जिससे इस विवाद को और बढ़ावा मिला। शिकायत में कहा गया कि रैना के वीडियो पोस्ट करने से यह विवाद और उग्र हो गया। यह मामला एक बार फिर सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के दायित्व और जिम्मेदारी को लेकर सवाल खड़ा करता है, खासकर जब वह टिप्पणी सामाजिक और सांस्कृतिक संवेदनाओं से संबंधित होती है। इस घटना ने यह दिखाया कि सोशल मीडिया पर किए गए बयानों के परिणाम कितने गहरे हो सकते हैं, खासकर जब वह धार्मिक या सांस्कृतिक मान्यताओं को आहत करते हैं। मुंबई पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, और आरोपियों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया भी चल रही है। इस पूरे घटनाक्रम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अधिक संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की आवश्यकता को उजागर किया है।