Edited By Rohini Oberoi,Updated: 22 Apr, 2025 03:06 PM
मुंबई ने सोमवार को समुद्री पर्यटन के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया। शहर के अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल (एमआईसीटी) से औपचारिक रूप से क्रूज परिचालन की शुरुआत हो गई। यह टर्मिनल न केवल भारत का सबसे बड़ा क्रूज टर्मिनल है बल्कि यह प्रतिदिन लगभग...
नेशनल डेस्क। मुंबई ने सोमवार को समुद्री पर्यटन के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया। शहर के अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल (एमआईसीटी) से औपचारिक रूप से क्रूज परिचालन की शुरुआत हो गई। यह टर्मिनल न केवल भारत का सबसे बड़ा क्रूज टर्मिनल है बल्कि यह प्रतिदिन लगभग 10,000 यात्रियों और सालाना दस लाख यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हरी झंडी दिखाकर क्रूज परिचालन का शुभारंभ किया। उन्होंने विक्टोरिया डॉक्स में पुनर्निर्मित अग्नि स्मारक के साथ-साथ दो ऐतिहासिक इमारतों - फोर्ट हाउस बैलार्ड एस्टेट और कोलाबा में एवलिन हाउस का भी उद्घाटन किया। इसके अतिरिक्त मंत्री ने ग्रीन पोर्ट पहल के तहत सागर उपवन उद्यान और तट से जहाजों को बिजली आपूर्ति करने वाली सुविधा का भी उद्घाटन किया।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि 'क्रूज़ भारत मिशन' के तहत विकसित एमआईसीटी को वैश्विक मानकों के अनुसार बनाया गया है और यह भारत में क्रूज पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बैलार्ड पियर पर 4.15 लाख वर्ग फीट से अधिक क्षेत्र में फैले इस टर्मिनल को बनाने में कुल ₹556 करोड़ का निवेश आया है।
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समारोह को संबोधित करते हुए श्री सोनोवाल ने कहा, "आज मुंबई अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल से क्रूज संचालन शुरू होना दुनिया के एक प्रमुख समुद्री केंद्र के रूप में हमारी पुरानी प्रतिष्ठा को और मजबूत करता है। यह टर्मिनल यात्रियों को बेहतर और सुरक्षित अनुभव के लिए आधुनिक सुविधाएं प्रदान करता है और विशाखापत्तनम और चेन्नई में हमारे पहले से मौजूद उत्कृष्ट अंतरराष्ट्रीय टर्मिनलों में शामिल हो गया है।"
एमआईसीटी वास्तव में एक विश्व स्तरीय क्रूज टर्मिनल है जिसमें 72 चेक-इन और इमिग्रेशन काउंटर हैं। टर्मिनल की पहली दो मंजिलें 2.07 लाख वर्ग फीट में फैली हैं जबकि ऊपरी दो मंजिलों को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए विकसित किया गया है। यह इतना विशाल है कि 11 मीटर के ड्राफ्ट और 300 मीटर तक की लंबाई वाले पांच जहाजों को एक साथ संभाल सकता है। इसके पार्किंग क्षेत्र में एक साथ 300 से अधिक वाहन पार्क किए जा सकते हैं।
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इसी दिन श्री सोनोवाल ने वधावन बंदरगाह पर ₹5,700 करोड़ से अधिक के निवेश वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर समारोह में भी भाग लिया। इन समझौतों में ₹4,200 करोड़ के निवेश से कंटेनर, बल्क और लिक्विड कार्गो को संभालने के लिए एक टर्मिनल का विकास, ₹1,000 करोड़ के निवेश से बल्क और लिक्विड कार्गो के लिए एक समर्पित टर्मिनल का विकास और ₹500 करोड़ के निवेश से तरलीकृत रसायनों और संबंधित उत्पादों को संभालने के लिए 3,00,000 सीबीएम क्षमता वाले लिक्विड कार्गो जेटी और टैंक फार्म का विकास शामिल है।
वहीं कहा जा सकता है कि मुंबई में इन नई परियोजनाओं की शुरुआत से न केवल शहर की समुद्री पहचान मजबूत होगी बल्कि यह देश के आर्थिक विकास और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।