Edited By Anu Malhotra,Updated: 04 Mar, 2025 08:23 AM

मुंबई के महान स्पिन गेंदबाज पद्माकर काशीनाथ शिवालकर, जिन्हें क्रिकेट जगत में प्यार से पैडी शिवालकर कहा जाता था, का सोमवार को निधन हो गया। 84 वर्षीय शिवालकर उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) के अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने...
नेशनल डेस्क: मुंबई के महान स्पिन गेंदबाज पद्माकर काशीनाथ शिवालकर, जिन्हें क्रिकेट जगत में प्यार से पैडी शिवालकर कहा जाता था, का सोमवार को निधन हो गया। 84 वर्षीय शिवालकर उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) के अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने उनके निधन की पुष्टि की। शिवालकर भारतीय क्रिकेट के उन महानतम खिलाड़ियों में से एक थे, जिन्हें कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला।
एक शानदार करियर, जिसे टेस्ट कैप नहीं मिली
शिवालकर ने 1961-62 से 1987-88 तक मुंबई के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला और 124 मैचों में 589 विकेट झटके। उनकी फिरकी का जादू 19.69 की शानदार औसत से चला। उनके अभूतपूर्व प्रदर्शन के बावजूद, भारतीय टीम में जगह नहीं मिलने को क्रिकेट जगत हमेशा दुर्भाग्यपूर्ण मानता रहा। बीसीसीआई ने उनके योगदान को सराहते हुए 2017 में सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया था।
क्रिकेट जगत ने दी श्रद्धांजलि
पूर्व भारतीय कोच और ऑलराउंडर रवि शास्त्री ने एक्स (Twitter) पर पोस्ट कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने लिखा, "पैडी शिवालकर के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। वे एक अद्भुत, दयालु व्यक्ति और शानदार गेंदबाज थे। मेरे करियर के शुरुआती दिनों में वे मेरे लिए बड़ी प्रेरणा रहे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।"
MCA अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने जताया शोक
MCA अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने भी उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा, "मुंबई क्रिकेट ने आज एक सच्चा दिग्गज खो दिया। शिवालकर सर का खेल में योगदान, खासकर एक शानदार स्पिनर के रूप में, हमेशा याद किया जाएगा। उनका समर्पण और कौशल मुंबई क्रिकेट पर गहरा प्रभाव छोड़ गया है। यह क्रिकेट जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।"
अपनी कहानी खुद लिखी थी
शिवालकर ने अपनी क्रिकेट यात्रा को 'हा चेन्दु दैवगतिचा' नामक आत्मकथा में लिखा है, जिसमें उन्होंने अपने संघर्ष और क्रिकेट करियर की अनसुनी कहानियों को साझा किया है। क्रिकेट जगत ने एक महान स्पिनर को खो दिया है, लेकिन उनकी यादें और योगदान हमेशा अमर रहेंगे।