Edited By Anu Malhotra,Updated: 31 Mar, 2025 11:55 AM

दुनिया भर में मुस्लिम जनसंख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, और 5 साल बाद एक ऐसा बदलाव देखने को मिल सकता है, जो पूरी दुनिया के धार्मिक और जनसांख्यिकीय ढांचे को प्रभावित करेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2030 तक 79 देशों में 10 लाख से अधिक मुस्लिम निवासी...
नेशनल डेस्क: दुनिया भर में मुस्लिम जनसंख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, और 5 साल बाद एक ऐसा बदलाव देखने को मिल सकता है, जो पूरी दुनिया के धार्मिक और जनसांख्यिकीय ढांचे को प्रभावित करेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2030 तक 79 देशों में 10 लाख से अधिक मुस्लिम निवासी होंगे, जो आज के 72 देशों की तुलना में एक बड़ी वृद्धि है। इन परिवर्तनों के पीछे मुख्य कारण प्रजनन दर में वृद्धि, आप्रवासन, और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हैं।
विशेष रूप से, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मुसलमानों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफा होगा, जहां अब दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम-बहुल देश बनने की संभावना पाकिस्तान में दिखाई दे रही है। यह क्षेत्र पहले से ही मुस्लिम जनसंख्या का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है, और 2030 तक यहां रहने वाले मुसलमानों की संख्या और अधिक बढ़ने का अनुमान है।
अमेरिका में मुस्लिम जनसंख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी। 2010 में जहां मुसलमानों की संख्या 2.6 मिलियन थी, वहीं 2030 तक यह संख्या बढ़कर 6.2 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। इस वृद्धि के पीछे मुख्य कारण आप्रवासन और मुसलमानों की उच्च प्रजनन दर हैं। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिका की कुल आबादी में मुसलमानों का प्रतिशत 2010 में 0.8% से बढ़कर 2030 में 1.7% हो जाएगा।
इसके अलावा, उप-सहारा अफ्रीका में भी मुस्लिम जनसंख्या में तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसमें नाइजीरिया जैसे देशों की संख्या मिस्र से अधिक हो सकती है। यूरोप और अमेरिका में भी मुसलमानों की संख्या बढ़ेगी, हालांकि इन क्षेत्रों में वे अल्पसंख्यक बने रहेंगे।
कारण:
यह वृद्धि कई प्रमुख कारणों से हो रही है, जैसे उच्च प्रजनन दर, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, और मुसलमानों का अन्य क्षेत्रों में आप्रवासन। इसके अलावा, युवा आबादी के बढ़ने से इन देशों में जनसंख्या वृद्धि में और तेजी आएगी।