Edited By rajesh kumar,Updated: 31 Oct, 2024 03:53 PM
महिलाओं ने अपने हाथों से खूबसूरत रंगोली बनाई और भगवान श्रीराम की प्रतिमा को फूलों से सजाया। इसके बाद, उन्होंने उर्दू में राम आरती का गायन किया और जलते हुए दीपों से भगवान श्रीराम की आरती उतारी। इस दौरान यह संदेश दिया गया कि राम नाम का दीपक नफरत के...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के लमही, सुभाष भवन में मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के सहयोग से मुस्लिम महिलाओं ने एक अनोखा कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नफरती जिहादियों को करारा जवाब देना था।
भगवान श्रीराम की आरती उतारी
महिलाओं ने अपने हाथों से खूबसूरत रंगोली बनाई और भगवान श्रीराम की प्रतिमा को फूलों से सजाया। इसके बाद, उन्होंने उर्दू में राम आरती का गायन किया और जलते हुए दीपों से भगवान श्रीराम की आरती उतारी। इस दौरान यह संदेश दिया गया कि राम नाम का दीपक नफरत के अंधकार को समाप्त कर सकता है।
महंत बालक दास जी ने कार्यक्रम में भाग लिया
पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास जी महाराज ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने श्रीराम स्तुति की और मुस्लिम महिलाओं के साथ मिलकर भेदभाव खत्म करने का संदेश दिया। इस पहल का मकसद हिन्दू-मुसलमानों के बीच प्रेम और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना था। इस अवसर पर नाजनीन अंसारी ने अंतरराष्ट्रीय नेताओं को पत्र लिखकर भगवान श्रीराम की भक्ति को फैलाने की सलाह दी। उनका मानना है कि इससे युद्ध समाप्त होंगे, शांति आएगी और लोग मानवता का पाठ सीखेंगे।
विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि हिन्दू और मुसलमानों के बीच प्रेम और सद्भावना का पुल बनाना आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राम नाम ही हमारे परिवार और देश की सुरक्षा का आधार है। कार्यक्रम में कई प्रमुख लोग शामिल रहे, जिनमें डॉ. अर्चना भारतवंशी, डॉ. मृदुला जायसवाल, खुर्शीदा बानो, रौशनजहां और कई अन्य महिलाएं शामिल थीं। इस कार्यक्रम ने सांस्कृतिक एकता और आपसी प्रेम का संदेश फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।