इस रिपोर्ट ने खोल दी अमेरिका की असली सच्चाई, मुसलमानों और यहूदियों जी रहें हैं डर में

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 29 Apr, 2025 03:49 PM

muslims and jews in america live in fear

अमेरिका को दुनिया का सबसे ताकतवर और लोकतांत्रिक देश माना जाता है, जहां हर नागरिक को बोलने की आज़ादी और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है। लेकिन Pew Research Center की हालिया रिपोर्ट इस छवि पर सवाल खड़े करती है।

इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका को दुनिया का सबसे ताकतवर और लोकतांत्रिक देश माना जाता है, जहां हर नागरिक को बोलने की आज़ादी और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है। लेकिन Pew Research Center की हालिया रिपोर्ट इस छवि पर सवाल खड़े करती है। इस सर्वेक्षण से सामने आया है कि मुस्लिम और यहूदी समुदायों को अमेरिका में पहले से कहीं ज्यादा भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। खासकर इजरायल-हमास युद्ध के बाद इन समुदायों के खिलाफ असहिष्णुता और नफरत में तेजी आई है। यह रिपोर्ट ना सिर्फ एक आंकड़ा है बल्कि अमेरिकी समाज में धार्मिक सहिष्णुता की गिरती तस्वीर भी पेश करती है।

क्या कहती है Pew Research की रिपोर्ट?

प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए इस राष्ट्रीय सर्वेक्षण में अमेरिका के हजारों नागरिकों से बातचीत की गई। रिपोर्ट के अनुसार:

इजरायल-हमास युद्ध के बाद हालात और गंभीर

अक्टूबर 2023 में जब इजरायल और हमास के बीच युद्ध छिड़ा, तब से अमेरिका में यहूदी और मुस्लिम दोनों समुदायों पर तनाव बढ़ा है।

  • 10 में से 9 यहूदी नागरिकों ने कहा कि युद्ध के बाद भेदभाव में इजाफा हुआ है।

  • 10 में से 7 मुसलमानों ने भी यही भावना जताई।

यह आंकड़े इस बात का संकेत हैं कि धार्मिक पहचान के आधार पर नफरत सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रह गई, बल्कि इसका असर जमीन पर भी दिख रहा है।

अमेरिका में धार्मिक आज़ादी के बावजूद असहिष्णुता क्यों?

अमेरिका का संविधान धार्मिक स्वतंत्रता और समानता की गारंटी देता है। बावजूद इसके, 94% यहूदी और 85% मुसलमानों ने माना कि वे अपने धर्म के कारण असमानता का शिकार हुए हैं।

  • 94% यहूदी नागरिकों में से 72% ने कहा कि उन्होंने “बहुत अधिक” भेदभाव झेला है।

  • 85% मुसलमानों में से 67% ने इसे “अत्यधिक भेदभाव” बताया।

इससे साफ होता है कि कानूनी सुरक्षा के बावजूद समाज में धार्मिक अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

अभिव्यक्ति की आजादी बनाम धार्मिक भावनाएं

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि अमेरिकी समाज में लोग इजरायल-फिलिस्तीन जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर राय रखते हैं। हालांकि इसके साथ धार्मिक भावनाओं के प्रति असंवेदनशीलता भी बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि खुली अभिव्यक्ति और धार्मिक सम्मान के बीच संतुलन जरूरी है, वरना इससे सामाजिक विभाजन और कट्टरता को बढ़ावा मिल सकता है।

क्या है इसका वैश्विक संकेत?

Pew की यह रिपोर्ट सिर्फ अमेरिका के समाज की स्थिति नहीं दिखाती बल्कि यह भी संकेत देती है कि दुनिया भर में धार्मिक अल्पसंख्यकों को लेकर असहिष्णुता बढ़ रही है। यह रिपोर्ट यह बताने की कोशिश करती है कि जिन मुल्कों को “आज़ादी का प्रतीक” माना जाता है, वहां भी जब धार्मिक पहचान पर सवाल उठने लगें, तो पूरी दुनिया को अपनी सोच पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!