Edited By Anu Malhotra,Updated: 20 Feb, 2025 09:14 AM
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भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट के चलते निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। सेंसेक्स, जो सितंबर 2024 में 86,000 के स्तर तक पहुंच गया था, अब 76,000 के आसपास कारोबार कर रहा है। स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में लगातार बिकवाली के कारण निवेशकों में घबराहट है।
नेशनल डेस्क: भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट के चलते निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। सेंसेक्स, जो सितंबर 2024 में 86,000 के स्तर तक पहुंच गया था, अब 76,000 के आसपास कारोबार कर रहा है। स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में लगातार बिकवाली के कारण निवेशकों में घबराहट है।
इस गिरावट ने सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के निवेशकों को असमंजस में डाल दिया है – क्या SIP जारी रखनी चाहिए, बढ़ानी चाहिए, या फिर बाजार से बाहर निकल जाना चाहिए?
शेयर बाजार में गिरावट, SIP निवेशकों की चिंता
- सेंसेक्स में भारी गिरावट – सितंबर 2024 के मुकाबले 10,000 अंक की गिरावट।
- स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स – दो महीनों में लगभग 18% तक लुढ़के।
- ICICI प्रूडेंशियल के CIO शंकरन नरेन की चेतावनी – "स्मॉलकैप और मिडकैप निवेशकों को बाहर निकलना चाहिए। उन्होंने कहा, जिन निवेशकों ने 2023 से स्मालकैप और मिडकैप एसआईपी शुरू की है, उनके लिए बहुत बुरा, बहुत बुरा अनुभव होने वाला है"
म्यूचुअल फंड में निवेश घटा, निवेशकों में घबराहट
- जनवरी 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश 3.6% घटकर 39,687 करोड़ रुपये रहा।
- दिसंबर 2024 में यह आंकड़ा 41,155 करोड़ रुपये था।
- SIP के जरिए निवेश – जनवरी 2025 में 26,400 करोड़ रुपये, जिसमें लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स शामिल।
- SIP फोलियो की संख्या बढ़कर 22.92 करोड़ तक पहुंची।
बाजार गिरा, तो क्या करना चाहिए? विशेषज्ञों की राय
- निवेश का मौका या खतरे की घंटी?
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि अब बाजार से निकलने का समय आ गया है। वहीं, कई फाइनेंशियल एडवाइजर्स इसे निवेश का बेहतरीन मौका बता रहे हैं। वित्तीय सलाहकारों की मानें तो अब बाजार से बाहर निकलने का नहीं, बल्कि निवेश बढ़ाने का समय है। SIP लंबी अवधि के लिए होती है, और इसे जारी रखना चाहिए। बाजार में अस्थिरता हमेशा रहती है, लेकिन दीर्घकालिक निवेश से अच्छे रिटर्न मिलते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगले 12 महीनों तक SIP राशि को दोगुना कर देना चाहिए। पहले पांच वर्षों तक अधिक से अधिक यूनिट जमा करें, फिर रिटर्न देखें।1992, 2000, 2008, 2016 और 2020 में भी बाजार गिरा था, लेकिन हर बार उसने वापसी की है।
क्या कहता है इतिहास? बाजार हर गिरावट के बाद ऊपर गया
- 1992: हर्षद मेहता घोटाले से बाजार ध्वस्त, लेकिन बाद में उछाल।
- 2000: डॉट कॉम बबल क्रैश, लेकिन फिर बाजार मजबूत हुआ।
- 2008: ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस, सेंसेक्स 50% गिरा, लेकिन फिर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा।
- 2020: कोविड-19 के कारण बाजार ध्वस्त, लेकिन फिर शानदार रिकवरी।
SIP जारी रखें या रोकें?
- यदि आप लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो SIP जारी रखना फायदेमंद हो सकता है।
- बाजार गिरने से कम दाम पर अधिक यूनिट्स खरीदने का मौका मिलता है।
- पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करें – लार्ज-कैप, गोल्ड, और अन्य सुरक्षित निवेशों को भी शामिल करें।
-घबराने की बजाय अनुशासन बनाए रखें, बाजार में गिरावट के बाद उछाल जरूर आता है।
Note-शेयर बाजार में निवेश से पहले हमेशा वित्तीय सलाहकार से राय लें।