Illegal Immigration: बांग्लादेश के अलावा ये देश भी बन रहा भारत के लिए सीमा सुरक्षा की बड़ी चुनौती, 26 नागरिकों को वापस भेजा

Edited By Mahima,Updated: 06 Jan, 2025 11:19 AM

myanmar emerges as a major border security challenge for india

मणिपुर सरकार ने म्यांमार के 26 नागरिकों को अवैध प्रवास के आरोप में उनके देश वापस भेजा। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है, जबकि युद्ध से बचकर आए लोगों को मानवीय सहायता दी जाएगी। मणिपुर में इस...

नेशनल डेस्क: मणिपुर राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को घोषणा की कि राज्य की खुली सीमा के माध्यम से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले म्यांमार के 26 नागरिकों को म्यांमार वापस भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार अवैध प्रवास और सीमा सुरक्षा के मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से ले रही है और राज्य में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

मणिपुर की खुली सीमा का हो रहा दुरुपयोग
मणिपुर राज्य की सीमा म्यांमार से जुड़ी हुई है और यह एक खुली सीमा के रूप में कार्य करती है, जहां से नागरिक बिना किसी सख्त निगरानी के भारत में प्रवेश कर सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस खुली सीमा का दुरुपयोग करते हुए म्यांमार के नागरिक भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने लगे हैं। हाल ही में, 26 म्यांमार नागरिकों का भारत में अवैध रूप से प्रवेश करना राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस मुद्दे पर अपने संज्ञान में लेते हुए तुरंत कदम उठाए और इन नागरिकों को म्यांमार अधिकारियों के हवाले किया।

सीएम ने दिया बयान
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस मामले की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए कहा, "मणिपुर की खुली सीमा का दुरुपयोग कर म्यांमार के नागरिक भारत में घुस रहे थे। हमने इन्हें म्यांमार के अधिकारियों को सौंप दिया है। हमारी सरकार अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है और हम मणिपुर में सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।" सीएम ने यह भी कहा कि मणिपुर सरकार ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए यह सुनिश्चित किया कि जो लोग म्यांमार में चल रहे युद्ध से भागकर मणिपुर पहुंचे हैं, उन्हें मानवीय सहायता प्रदान की जाए, लेकिन इन प्रवासियों को सम्मानजनक तरीके से उनके देश भेजने की प्रक्रिया जारी रखी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह कहा कि मणिपुर सरकार का उद्देश्य इन नागरिकों को सुरक्षित तरीके से उनके देश वापस भेजने का है, ताकि उनकी स्थिति को ठीक से संभाला जा सके और साथ ही अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखी जा सके।

मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों का सहयोग
मणिपुर राज्य के सीमावर्ती शहर मोरेह में राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने इन म्यांमार नागरिकों को गिरफ्तार किया और उन्हें उनके देश भेजने के लिए आवश्यक प्रक्रिया शुरू की। पुलिस और केंद्रीय बलों के समन्वय से यह कदम उठाया गया, ताकि अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके और मणिपुर में सुरक्षा का माहौल बनाए रखा जा सके। म्यांमार के अधिकारियों ने इन नागरिकों को स्वीकार किया और उन्हें वापस भेजा गया। यह कदम मणिपुर सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदमों का हिस्सा था, ताकि राज्य में अवैध प्रवास और उससे संबंधित सुरक्षा चिंताओं को नियंत्रित किया जा सके।

अवैध प्रवासियों के खिलाफ मणिपुर सरकार की सख्ती
मणिपुर में अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए सीमा पर निगरानी बढ़ाने, अवैध रूप से प्रवेश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और इस मामले में सुरक्षा बलों को सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस संदर्भ में यह भी कहा कि राज्य सरकार ने म्यांमार से आने वाले अवैध प्रवासियों को पहचानने के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित किया है, ताकि भविष्य में किसी भी अवैध घुसपैठ को रोका जा सके।

मानवीय सहायता और युद्ध से प्रभावित नागरिकों के लिए राहत
मणिपुर में म्यांमार के नागरिकों की उपस्थिति का एक अन्य पहलू यह है कि युद्ध की स्थिति के कारण बड़ी संख्या में म्यांमार से लोग भारत में शरण लेने के लिए आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह साफ किया कि मणिपुर सरकार म्यांमार से भागकर आए लोगों को मानवीय सहायता देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके बावजूद इस प्रक्रिया में अवैध प्रवासियों को पहचानने और उन्हें वापस भेजने की कार्रवाई भी लगातार जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मणिपुर सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि युद्ध से प्रभावित नागरिकों को सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से उनके देश वापस भेजा जाए। 

मणिपुर सरकार की सुरक्षा और कानून व्यवस्था 
मणिपुर सरकार की यह कार्रवाई राज्य की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारा उद्देश्य मणिपुर को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण राज्य बनाना है, जहां अवैध प्रवासियों की घुसपैठ को पूरी तरह से रोका जा सके। हम राज्य के नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

मणिपुर में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का महत्व
मणिपुर की सीमा पर अवैध प्रवासियों के प्रवेश को नियंत्रित करना राज्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। म्यांमार में चल रहे सशस्त्र संघर्ष और हिंसा के कारण बड़ी संख्या में लोग शरण लेने के लिए मणिपुर की सीमा से होते हुए भारत में घुसने की कोशिश करते हैं। ऐसे में मणिपुर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को राज्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रकार के कदम भविष्य में भी उठाए जाएंगे ताकि मणिपुर में सुरक्षा की स्थिति बेहतर हो सके।

मणिपुर सरकार ने म्यांमार के 26 नागरिकों को अवैध प्रवास के आरोप में उनके देश वापस भेज दिया। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने यह पुष्टि की कि मणिपुर सरकार अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है और मणिपुर की सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार युद्ध से भागकर आए लोगों को मानवीय सहायता देने के लिए भी प्रतिबद्ध है, लेकिन अवैध प्रवास के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।

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