बराणी महादेव मंदिर के शिवलिंग की रहस्यमयी कहानी, पूजा से युवाओं को मिलता है उनका मनपसंद जीवनसाथी

Edited By Harman Kaur,Updated: 11 Aug, 2024 04:07 PM

mysterious story of shivalinga of barani mahadev temple

मनाली के पास बराण पंचायत के डोभा गांव में एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है, जिसे बराणी महादेव के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में एक पुराना शिवलिंग स्थापित है, जो न तो पूरी तरह से पत्थर का है और न ही किसी धातु का। मंदिर में नीलकंठ बराणी महादेव का रथ भी है,...

नेशनल डेस्क: मनाली के पास बराण पंचायत के डोभा गांव में एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है, जिसे बराणी महादेव के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में एक पुराना शिवलिंग स्थापित है, जो न तो पूरी तरह से पत्थर का है और न ही किसी धातु का। मंदिर में नीलकंठ बराणी महादेव का रथ भी है, जिसमें महादेव के मुख्य चिह्न के अलावा नौ अन्य मुख लगे हुए हैं। इनमें एक मुख माता पार्वती का है, एक विष्णु भगवान का है, और बाकी के पांच मुख शिवगणों के हैं। नंदी बैल और शिवलिंग भी रथ पर हैं। शिवलिंग डोभा गांव में है, जबकि रथ बराण गांव में रखा गया है।

त्वचा रोगों से छुटकारा और जादू-टोना से मुक्ति पाने के लिए लोग जलकुंड में करते हैं स्नान 
यह माना जाता है कि नीलकंठ बराणी महादेव की पूजा से युवाओं को उनकी इच्छित जीवनसाथी प्राप्त होता है। मंदिर के पास एक जलकुंड है, जहां लोग अपने त्वचा रोगों से छुटकारा पाने के लिए आते हैं। जादू-टोना से मुक्ति पाने के लिए भी लोग यहां स्नान करते हैं।

शिवलिंग से जुड़ी पुरानी मान्यता और उसकी अद्भुत घटना
शिवरात्रि के मौके पर यहां हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। एक पुरानी मान्यता के अनुसार, सैकड़ों साल पहले एक ग्रामीण को इस शिवलिंग के दर्शन हुए थे। गांववालों ने देखा कि एक गाय शिवलिंग के पास खड़ी थी और उसके थनों से दूध की धारा स्वाभाविक रूप से शिवलिंग पर बह रही थी। बुजुर्गों की सलाह के बाद, ग्रामीणों ने शिवलिंग को बराण गांव ले जाने का फैसला किया। लेकिन जब वे रास्ते में विश्राम करने लगे और शिवलिंग को जमीन पर रखा, तो वह हिला ही नहीं। अंततः इसे उसी स्थान पर स्थापित कर दिया गया।

मनाली से 8 किमी दूर बराण गांव तक कैसे पहुंचे, जानें यात्रा मार्ग
मंदिर के कारदार सुभाष ठाकुर ने बताया कि इस इलाके में बहुत दूर-दूर तक कोई दूसरा शिव मंदिर नहीं है, जिससे लोग यहां दूर-दराज से आते हैं। शिवरात्रि पर यहां विशेष भीड़ रहती है। बता दें कि कुल्लू मनाली नेशनल हाईवे पर मनाली से 8 किमी पहले बराण नामक स्थान पर बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। इसके बाद, वहां से डेढ़ किमी पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। अन्य प्रदेशों से भुंतर तक हवाई मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है।

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