Edited By Tanuja,Updated: 07 Apr, 2025 12:25 PM
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ को लेकर कनाडा ने सख्ती दिखाई है। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने आज अमेरिका के नए टैरिफ और डोनाल्ड ट्रंप के...
International Desk: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ को लेकर कनाडा ने सख्ती दिखाई है ।कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने आज अमेरिका के नए टैरिफ और डोनाल्ड ट्रंप के "ग्लोबल ट्रेड रीसेट" अभियान पर तीखा बयान दिया है। मेलानी जोली ने कहा कि हम अमेरिका द्वारा उठाए गए कदमों का गंभीरता से मूल्यांकन कर रहे हैं। साथ ही, हमें अच्छी तरह से एहसास हो गया है कि अमेरिका के साथ हमारा रिश्ता अब कभी वैसा नहीं रहेगा जैसा पहले था।"
उन्होंने आगे कहा कि हम अमेरिका के सबसे बड़े ग्राहक हैं। जब कोई अपने सबसे बड़े ग्राहक के साथ गलत व्यवहार करता है, तो इसका मतलब होता है कि वह अपनी पूरी व्यापारिक रणनीति बदलना चाहता है। अब कनाडा भी अपनी नीति में बुनियादी बदलाव करेगा।
गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका ने कनाडा समेत कई देशों से आयात होने वाले उत्पादों पर नए टैरिफ (आयात शुल्क) लगाए हैं। इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने "ग्लोबल ट्रेड रीसेट" अभियान की घोषणा की है, जिसका मकसद है अमेरिकी उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना और व्यापार व्यवस्था को अमेरिका-केंद्रित बनाना। कनाडा लंबे समय से अमेरिका का सबसे भरोसेमंद और बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा है। हर दिन करोड़ों डॉलर का सामान दोनों देशों के बीच इधर-उधर होता है। मेलानी जोली के कड़े शब्द यह संकेत देते हैं कि कनाडा अब अमेरिका पर अपनी निर्भरता घटाकर अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाने की दिशा में काम करेगा। कनाडा और अमेरिका के रिश्तों में बढ़ती दूरी का असर सिर्फ इन दोनों देशों तक सीमित नहीं रहेगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक भारत जैसे देशों के लिए यह एक बड़ा मौका बन सकता है। कनाडा अगर अमेरिका से हटकर नए व्यापारिक साझेदारों की तलाश करता है, तो भारत के साथ व्यापारिक समझौते (Free Trade Agreement) को तेज़ी मिल सकती है। भारतीय आईटी, कृषि और टेक्नोलॉजी सेक्टर के लिए कनाडा में नई संभावनाएं खुल सकती हैं। वैश्विक बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है क्योंकि अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने से कई देशों के निर्यात प्रभावित होंगे। चीन भी इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर सकता है, जिससे वैश्विक व्यापार प्रतिस्पर्धा और ज्यादा तेज होगी। इस पूरे घटनाक्रम पर आने वाले कुछ हफ्तों में और तेज़ प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।