Edited By Anu Malhotra,Updated: 02 Oct, 2024 03:46 PM
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के नानौता क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां वायुसेना के जवान मलखान सिंह का शव, जो 56 साल पहले सियाचिन ग्लेशियर के पास सेना के विमान हादसे में शहीद हो गए थे, हाल ही में बरामद हुआ है। 1968 में हुई इस...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के नानौता क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां वायुसेना के जवान मलखान सिंह का शव, जो 56 साल पहले सियाचिन ग्लेशियर के पास सेना के विमान हादसे में शहीद हो गए थे, हाल ही में बरामद हुआ है। 1968 में हुई इस दुर्घटना में 100 से अधिक जवान शहीद हो गए थे, लेकिन खराब मौसम और बर्फीले इलाके के कारण शवों की तत्काल बरामदगी नहीं हो पाई थी।
अपर पुलिस अधीक्षक सागर जैन ने जानकारी दी कि यह हादसा हिमाचल प्रदेश के सियाचिन ग्लेशियर के पास हुआ था। कई वर्षों तक चले खोज अभियानों के बाद, हाल ही में मलखान सिंह समेत चार और जवानों के शव बर्फ में दबे मिले। बर्फ में दबे होने की वजह से मलखान सिंह का शव काफी हद तक संरक्षित रहा। गुरुवार को उनका शव उनके पैतृक गांव फतेहपुर लाया जाएगा, जहां रीति-रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार उनके पौत्रों द्वारा किया जाएगा।
मलखान सिंह की शहादत के समय उनकी उम्र महज 23 साल थी। उस समय उनकी पत्नी शीला देवी और डेढ़ साल का बेटा राम प्रसाद थे। लेकिन अब जब उनका शव गांव पहुंचेगा, तो न तो उनकी पत्नी और न ही बेटा जीवित हैं। उनकी पत्नी की मृत्यु के बाद उनका विवाह मलखान के छोटे भाई चंद्रपाल से हो गया था, जिनके अब दो बेटे और एक बेटी हैं। चंद्रपाल का भी निधन हो चुका है, और अब गांव के लोग मलखान सिंह को अंतिम विदाई देने का इंतजार कर रहे हैं।
यह घटना न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव और देश के लिए एक भावुक पल है, क्योंकि इतने सालों बाद एक शहीद की कहानी सामने आई है।