Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 Oct, 2024 09:57 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय सचिवों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे भ्रष्ट और प्रदर्शन में कमी वाले सरकारी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएं। इस संदर्भ में, उन्होंने नॉन-परफॉर्मर कर्मचारियों को रिटायर करने के लिए पेंशन नियमों (CCS) का...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय सचिवों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे भ्रष्ट और प्रदर्शन में कमी वाले सरकारी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएं। इस संदर्भ में, उन्होंने नॉन-परफॉर्मर कर्मचारियों को रिटायर करने के लिए पेंशन नियमों (CCS) का हवाला देते हुए तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया।
कर्मचारियों का मूल्यांकन: प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय सचिवों को निर्देश दिया कि वे कर्मचारियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करें। CCS (पेंशन) नियमों के तहत, सरकार को किसी भी कर्मचारी को रिटायर करने का अधिकार है यदि वह सेवा में बने रहने के लिए अयोग्य है।
रिटायरमेंट प्रक्रिया:
रिटायर किए गए कर्मचारियों को तीन महीने का नोटिस दिया जाएगा या उन्हें तीन महीने का वेतन और भत्ते देकर रिटायर किया जा सकता है। ये निर्देश जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद जारी किए गए हैं।
कानूनी विकल्प:
रिटायर किए गए कर्मचारियों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा और वे रिटायरमेंट के आदेश को अदालत में चुनौती दे सकते हैं। CCS (पेंशन) नियमों का उपयोग करके अब तक 500 से अधिक सरकारी अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दिया जा चुका है।
सार्वजनिक शिकायतों का समाधान:
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मंत्रालयों और सचिवों को फाइलों को एक डेस्क से दूसरी डेस्क पर धकेलने के बजाय सार्वजनिक शिकायतों का तेजी से समाधान करना चाहिए। उन्होंने सचिवों से हर सप्ताह एक दिन शिकायतों के समाधान के लिए निकालने और राज्य मंत्रियों से इसकी निगरानी करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में PMO को लोगों की शिकायतों से संबंधित 4.5 करोड़ पत्र प्राप्त हुए हैं, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में केवल 5 लाख पत्र मिले थे।
प्रधानमंत्री मोदी का यह निर्देश सरकारी कर्मचारियों के कार्य प्रदर्शन में सुधार लाने और प्रशासनिक प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।