Edited By rajesh kumar,Updated: 22 Sep, 2024 02:08 PM
कानपुर के नरोत्तम पांडेय ने कैंसर के खिलाफ 15 सालों में 9 बार संघर्ष किया और हर बार इस बीमारी को मात दी। नरोत्तम, जो पटकापुर में आइसक्रीम बेचते हैं, को पहली बार 2009 में कैंसर का पता चला। उनकी आंत में कैंसर था, जिसके लिए उन्होंने मुंबई के टाटा...
नेशनल डेस्क: कानपुर के नरोत्तम पांडेय ने कैंसर के खिलाफ 15 सालों में 9 बार संघर्ष किया और हर बार इस बीमारी को मात दी। उनकी यह यात्रा प्रेरणादायक है, जो दूसरों के लिए उम्मीद का एक बड़ा स्रोत बन गई है।
पहली बार कैंसर का सामना
नरोत्तम, जो पटकापुर में आइसक्रीम बेचते हैं, को पहली बार 2009 में कैंसर का पता चला। उनकी आंत में कैंसर था, जिसके लिए उन्होंने मुंबई के टाटा अस्पताल में सर्जरी करवाई। इस सर्जरी के बाद, उन्हें हमेशा के लिए कोलोस्टोमी बैग लगाना पड़ा। इस घटना ने उनके जीवन को बदल दिया, लेकिन नरोत्तम ने हार नहीं मानी।
कैंसर की पुनरावृत्ति
सर्जरी के बाद भी नरोत्तम के लिए मुश्किलें खत्म नहीं हुईं। 2012 में, उनकी नाक पर एक छोटी सी फुंसी कैंसर में बदल गई। इसके बाद, 2013 में कैंसर ने उनके कनपटी पर, 2015 में बाएं गाल में, और फिर दाएं गाल में गांठ बना दी। 2018 में जांघ में गांठ उभरी, 2019 में छोटी आंत में कैंसर हुआ, 2020 में नाभि के पास और 2021 में दाएं पैर के पंजे में गांठ बनी। उनके शरीर पर नौ बड़ी सर्जरी के निशान हैं।
कैंसर का इतिहास
कैंसर बीमारी का उल्लेख सबसे पहले प्राचीन मिस्र और ग्रीस में मिलता है। मिस्र में करीब 3000 साल पहले स्तन कैंसर का वर्णन किया गया था। वहीं, ग्रीस के चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स ने कैंसर को 'कर्किनोस' (केकड़ा) कहा, क्योंकि कैंसर के ट्यूमर का आकार केकड़े के समान होता है।
नरोत्तम की प्रेरणा
नरोत्तम पांडेय की कहानी यह दर्शाती है कि कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद, संघर्ष और साहस से किसी भी बीमारी को मात दी जा सकती है। उनके अनुभव न केवल उनके लिए बल्कि दूसरों के लिए भी उम्मीद की किरण हैं।
कैंसर से लड़ने के लिए चिकित्सकीय उपाय
कैंसर का उपचार एक जटिल प्रक्रिया है, जो कैंसर के प्रकार, स्थिति, और रोगी की सामान्य स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करती है। यहां कुछ प्रमुख चिकित्सकीय उपायों की जानकारी दी गई है:
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सर्जरी (Surgery)
कैंसर कोशिकाओं को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है। यह अक्सर शुरुआती चरणों में किया जाता है, जहां कैंसर स्थानिक होता है।
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रेडियोथेरेपी (Radiotherapy)
यह कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च ऊर्जा वाली किरणों का उपयोग करती है। यह सर्जरी के बाद या कैंसर के छोटे हिस्सों को लक्ष्य बनाकर की जा सकती है।
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कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
इसमें कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है। यह प्रणालीगत उपचार है और शरीर के विभिन्न हिस्सों में कैंसर को लक्षित कर सकता है।
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इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy)
यह उपचार रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है ताकि वह कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ लड़ सके। इसमें एंटीबॉडी, वैक्सीन, और अन्य चिकित्सा तकनीकें शामिल हो सकती हैं।
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हॉर्मोन थेरेपी (Hormone Therapy)
कुछ कैंसर, जैसे कि स्तन और प्रोस्टेट कैंसर, हॉर्मोन्स पर निर्भर होते हैं। इस उपचार में हॉर्मोन्स के स्तर को नियंत्रित करने के लिए दवाएं दी जाती हैं।
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स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (Stem Cell Transplant)
यह विशेष रूप से उन रोगियों के लिए उपयोगी है, जिन्हें कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी के बाद रक्त की कोशिकाओं की कमी होती है। इसमें स्वस्थ स्टेम कोशिकाओं को शरीर में वापस डाला जाता है।
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पैलेटिव केयर (Palliative Care)
यह उपचार रोगी की गुणवत्ता जीवन को सुधारने और लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, भले ही कैंसर के अंतिम चरण में हो।
अन्य महत्वपूर्ण बातें
- नियमित जांच: कैंसर का शीघ्र पता लगाने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच कराना महत्वपूर्ण है।
- आहार और जीवनशैली: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली कैंसर से लड़ने में मदद कर सकती है।
- मानसिक स्वास्थ्य: मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है। परामर्श और सपोर्ट ग्रुप्स इस संदर्भ में सहायक हो सकते हैं।
इन उपायों के साथ, चिकित्सकों की सलाह और देखभाल पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। कैंसर के उपचार में व्यक्तिगत दृष्टिकोण आवश्यक होता है, इसलिए किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना हमेशा सर्वोत्तम होता है।