Edited By Mahima,Updated: 20 Jul, 2024 11:39 AM
बेतहाशा लागत बढ़ने से नासा ने अपने महत्वाकांक्षी चंद्रयान मिशन को रद्द कर दिया है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ और अन्य संसाधनों की खोज के लिए प्रस्तावित आर्टेमिस चंद्र रोवर (वीआइपीईआर) मिशन पर नासा लगभग 450 मिलियन डॉलर (37 हजार 650 करोड़ रुपए)...
नेशनल डेस्क: बेतहाशा लागत बढ़ने से नासा ने अपने महत्वाकांक्षी चंद्रयान मिशन को रद्द कर दिया है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ और अन्य संसाधनों की खोज के लिए प्रस्तावित आर्टेमिस चंद्र रोवर (वीआइपीईआर) मिशन पर नासा लगभग 450 मिलियन डॉलर (37 हजार 650 करोड़ रुपए) खर्च कर चुका है और कुल लागत 610 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। एक से एक महंगे मिशन भेज चुका नासा इस बार आर्टेमिस मिशन को आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है।
वीआइपीईआर को पहले 2023 में लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन 2022 में नासा ने इसे 2024 के अंत तक टाल दिया, ताकि ग्रिफिन लैंडर वीकल के प्री- फ्लाइट टेस्ट के लिए ज्यादा समय मिल सके। इसके बाद लॉन्चिंग की तारीख 2025 तक बढ़ाई गई और अब इसे रद्द करना पड़ा। अनुमान के मुताबिक मिशन के पूर्ण होने तक इसकी लागत 609.6 मिलियन डॉलर (50, 950 करोड़ रुपए) तक पहुंच जाती।
इसरो 82 बार भेज सकता है मिशन
खर्च के लिहाज से इसरो ने नासा के मुकाबले काफी कम कीमत पर बड़ी सफलता हासिल की है। जिस चंद्र मिशन पर अमरीका अब तक 37 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर चुका, इतने में भारत 82 बार चंद्रमा पर अपना मिशन भेज सकता है।