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National Herald Case: 2,000 करोड़ की संपत्ति हड़पने, 414 करोड़ की टैक्स चोरी...पढ़ें ED की चार्जशीट में राहुल-सोनिया पर क्या आरोप

Edited By Pardeep,Updated: 16 Apr, 2025 04:58 AM

national herald case grabbing property worth 2000 crores

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 'नेशनल हेराल्ड' मामले में अपने आरोपपत्र में दावा किया कि कांग्रेस नेताओं ने इसकी मूल कंपनी एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को ‘हड़पने’ के लिए एक ‘आपराधिक साजिश’ रची थी।

नेशनल डेस्कः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 'नेशनल हेराल्ड' मामले में अपने आरोपपत्र में दावा किया कि कांग्रेस नेताओं ने इसकी मूल कंपनी एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को ‘हड़पने’ के लिए एक ‘आपराधिक साजिश’ रची थी। ईडी का कहना है कि कांग्रेस नेताओं ने इस उद्देश्य के लिए 99 प्रतिशत शेयर केवल 50 लाख रुपये में अपनी निजी कंपनी 'यंग इंडियन' को हस्तांतरित कर दिए, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी बहुलांश शेयरधारक हैं। 

सोनिया गांधी और राहुल गांधी आरोपी
ईडी ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत में दायर अपने अभियोजन शिकायत में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को आरोपी नंबर एक और उनके बेटे तथा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को आरोपी नंबर दो बनाया है। इसके अलावा, अन्य आरोपी कांग्रेस नेता सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, दो कंपनियां 'यंग इंडियन' और 'डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड' तथा सुनील भंडारी (डोटेक्स मर्चेंडाइज के) शामिल हैं। 

अपराध से अर्जित आय और संपत्तियों का मूल्य
ईडी ने इस मामले में 'अपराध से अर्जित आय' के रूप में 988 करोड़ रुपये और संबद्ध संपत्तियों का मौजूदा बाजार मूल्य 5,000 करोड़ रुपये बताया है। एजेंसी ने दावा किया कि उसने 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किया है, जिन्हें उसने इस जांच के तहत कुर्क किया है। 

कंपनियों द्वारा अपराध और सजा की मांग
ईडी ने पीएमएलए की धारा 44 और 45 के तहत आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जो धनशोधन के अपराध को अंजाम देने के आरोपों से संबंधित है। इसके अतिरिक्त, उसने धारा 70 (कंपनियों द्वारा अपराध) के तहत भी आरोपपत्र दाखिल किया है। ईडी ने पीएमएलए की धारा चार के तहत आरोपियों के लिए सात साल तक की जेल की सजा की मांग की है। 

सोनिया गांधी और राहुल गांधी के हिस्से
ईडी के आरोपपत्र में कहा गया है कि 'यंग इंडियन' के 99 प्रतिशत शेयर एजेएल से महज 50 लाख रुपये में 'यंग इंडियन' को हस्तांतरित कर दिए गए थे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 'यंग इंडियन' के 38-38 प्रतिशत शेयर हैं, जिससे वे कंपनी के बहुलांश शेयरधारक बन गए हैं। शेष 24 प्रतिशत शेयर कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास थे। 

आपराधिक साजिश और ऋण का बदला रूप
आरोपपत्र में यह भी दावा किया गया कि कांग्रेस द्वारा एजेएल को दिए गए 90.21 करोड़ रुपये के बकाया ऋण को 9.02 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर में बदल दिया गया, और इन सभी शेयरों को केवल 50 लाख रुपये में यंग इंडियन को स्थानांतरित कर दिया गया। इसके माध्यम से आरोपियों ने एजेएल की सभी संपत्तियों का ‘लाभकारी’ स्वामित्व सोनिया और राहुल गांधी को दे दिया। 

धर्मार्थ कंपनी का दावा और कर चोरी का आरोप
ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि यंग इंडियन को कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत ‘गैर लाभकारी’ या धर्मार्थ कंपनी के रूप में शुरू किया गया था, हालांकि एजेंसी की जांच में यह पाया गया कि कंपनी ने धर्मार्थ गतिविधियों पर कोई खर्च नहीं किया। इसके साथ ही, एजेंसी ने 2017 के आयकर विभाग के मूल्यांकन आदेश का हवाला देते हुए कहा कि यंग इंडियन ने एजेएल की संपत्तियों को अवैध रूप से अर्जित किया और 414 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी की। 

मामला और कोर्ट की सुनवाई
इस मामले में ईडी की जांच 2021 में शुरू हुई, जब दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत का संज्ञान लिया। आरोपियों ने इस आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी, लेकिन दोनों अदालतों ने सुनवाई प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। 

कांग्रेस का प्रतिवाद
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ईडी की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे 'बदले की राजनीति' और 'धमकाने' की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य नेताओं के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना सिर्फ राजनीतिक प्रतिशोध है।

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