कोलकाता फर्जी टीकाकरण: केंद्र ने ममता सरकार से दो दिनों में मांगी रिपोर्ट, सख्त कार्रवाई के निर्देश

Edited By Anil dev,Updated: 30 Jun, 2021 07:13 PM

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से कोलकाता के कुछ इलाकों में कथित तौर पर गैर कानूनी तरीके से कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित करने के मामले की जांच कर अगले दो दिनों में रिपोर्ट सौंपने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने...

नेशनल डेस्क:  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से कोलकाता के कुछ इलाकों में कथित तौर पर गैर कानूनी तरीके से कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित करने के मामले की जांच कर अगले दो दिनों में रिपोर्ट सौंपने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव कृष्ण द्विवेदी को 29 जून को पत्र लिखकर मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। भूषण द्वारा लिखे गए पत्र में पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी के 25 जून को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को लिखे गये उस पत्र का संदर्भ दिया गया है जिसमें कथित तौर पर अनधिकृत लोगों द्वारा टीकाकरण शिविर लगाये जाने को लेकर ध्यान आकर्षित कराया गया था। 

भूषण ने पत्र में कहा कि कोलकाता नगर निगम के कुछ इलाकों में खासतौर पर कस्बा इलाके में लगाए गए टीके में किसी भी लाभार्थी को कोविन के जरिये टीकाकरण प्रमाण पत्र नहीं मिला जिससे इन शिविरों के वास्तविक होने पर आशंका पैदा हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा, ‘‘दिशानिर्देशों के मुताबिक कोविड-19 के सभी टीकाकरण सत्र कोविन पोर्टल के जरिये आयोजित किए जाने चाहिए और सभी टीकाकरण के रिकॉर्ड भी इस पोर्टल पर दर्ज किए जाने चाहिए। टीका लगाने के बाद उसकी जानकारी कोविन पोर्टल में सफलतापूर्वक दर्ज होने पर टीकाकरण प्रमाण पत्र डिजिटल और भौतिक माध्यम से लाभार्थी को दिया जाना चाहिए।'' केंद्र ने समय-समय पर राज्यों को सलाह दी है कि लाभार्थी को टीकाकरण प्रमाणपत्र दिया जाना चाहिए। भूषण ने कहा, ‘‘इन प्रमाण पत्रों के जारी नहीं होने से टीकाकरण शिविरों के ‘फर्जी' होने की आशंका पैदा होती है और इससे ऐसे शिविरों में लगाए गए टीके में मौजूद सामग्री को लेकर भी शंका पैदा होती है, अगर ऐसे मामलों की तुरंत जांच नहीं की जाती है और इससे नहीं निपटा जाता है तो दोबारा ऐसी घटनाएं हो सकती हैं।'' 

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए अनुरोध किया जाता है और इस मामले की तुरंत जांच की जाए और जरूरी हो तो मामले में उचित एवं सख्त कदम उठाए जाएं। यह भी अनुरोध किया जाता है कि इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट अगले दो दिनों में मंत्रालय को भेजी जाए।'' कुछ राज्यों में फर्जी टीकाकरण शिविर आयोजित करने की खबरों का संदर्भ देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 25 जून को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर क्षेत्र में कार्य कर रहे अधिकारियों को कार्यालयों और घर के नजदीक आयोजित टीकाकरण सत्रों की निगरानी के लिए उचित निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया था, खासतौर पर निजी कोविड टीकाकरण केंद्रों को ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सभी सत्र कोविन पोर्टल से हों और इस दौरान दी गई खुराक भी कोविन पोर्टल पर दर्ज हो। गौरतलब है कि 25 जून को लिखे पत्र में अधिकारी ने कहा था कि मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्य टीकाकरण में रोज कीर्तिमान बना रहे हैं जबकि पश्चिम बंगाल राज्य सरकार की उत्सुकता की कमी की वजह से पिछड़ रहा है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘कई स्थानों पर सत्तारूढ़ दल से राजनीतिक जुड़ाव को टीका देने से पहले देखा जा रहा है। सत्तारूढ़ दल द्वारा मतदान पर्ची की तरह टीकाकरण कूपन दिए जाने की खबर है लेकिन गत 48 घंटे में सामने आई घटनाएं और चिंता पैदा करती हैं।'' अधिकारी ने कहा कि देवंनजन देब ने आईएएस अधिकारी बन कोलकाता के केंद्र कस्बा के वार्ड संख्या 107 में गैर कानूनी टीकाकरण शिविर लगाया। इस दौरान किसी को टीकाकरण का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। इस बीच, कोलकाता पुलिस ने अधिकारी के आरोपों की जांच शुरू कर दी है।

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