Edited By Anil dev,Updated: 27 Aug, 2022 01:57 PM
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मध्य प्रदेश के डिंडोरी में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने अपनी पत्नी की मौत के बाद उसके शव को अपने घर में दफना दिया और पड़ोसियों के विरोध के बाद प्रशासन ने शव को निकालकर मुक्तिधाम में उसका अंतिम संस्कार कराया। शिक्षक ओंकार दास का कहना है कि वह पत्नी...
नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश के डिंडोरी में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने अपनी पत्नी की मौत के बाद उसके शव को अपने घर में दफना दिया और पड़ोसियों के विरोध के बाद प्रशासन ने शव को निकालकर मुक्तिधाम में उसका अंतिम संस्कार कराया। शिक्षक ओंकार दास का कहना है कि वह पत्नी से बेहद प्यार करता है, इसलिए वह चाहता था कि घर में ही दफना दिया जाए। घर में पति-पत्नी अकेले रहते थे और उनके बच्चे भी नहीं थे। हालांकि पनिका समाज में घर की बाड़ी में अंतिम संस्कार करने की परंपरा भी है।
डिंडोरी के तहसीलदार गोविंदराम सलामे ने शनिवार को बताया कि शिक्षक ओंकार दास मोगरे (50) ने बीमारी से 45 वर्षीय अपनी पत्नी की मौत हो जाने के बाद उसके शव को घर के अंदर ही एक कमरे में दफना दिया था। स्थानीय लोगों ने इसका विरोध करते हुए बुधवार को प्रशासन को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर 24 घंटे के अंदर ही शव को स्थानांतरित कर निर्दिष्ट स्थान पर उसका अंतिम संस्कार करवाया गया।
सूत्रों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने और मोगरे के रिश्तेदारों ने घर के अंदर शव को दफन करने से शिक्षक को रोका था, लेकिन उसने किसी की बात नहीं मानी और कहा कि पत्नी से प्यार के कारण वह ऐसा कर रहा है। शिक्षक ने ऐसा करने के लिए अपने पनिका समुदाय की परंपरा का भी हवाला दिया। अधिकारियों ने बताया कि पनिका समुदाय के लोग मृतक परिवार के सदस्यों के शवों को ग्रामीण इलाकों में रिहायशी परिसर में ही दफना देते हैं। कोतवाली थाना प्रभारी सी के सिरामे ने बताया कि मोगरे ने अपने समुदाय के रीति-रिवाजों का हवाला देकर शव को 23 अगस्त को अपने घर में ही दफना दिया था। हालांकि स्थानीय नगर निकाय और जिला प्रशासन ने पड़ोसियों की शिकायत के बाद हस्तक्षेप किया।