Edited By Anu Malhotra,Updated: 02 Oct, 2024 12:03 PM
महाराष्ट्र के नवी मुंबई से एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें एक बुजुर्ग दंपत्ति को बैंक द्वारा एक दिन की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) पर ब्याज न देने के बाद उन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) में शिकायत की और उनके पक्ष में फैसला आया।
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के नवी मुंबई से एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें एक बुजुर्ग दंपत्ति को बैंक द्वारा एक दिन की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) पर ब्याज न देने के बाद उन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) में शिकायत की और उनके पक्ष में फैसला आया।
घटना का पूरा विवरण:
64 वर्षीय रमा गुप्ता और उनके पति दीपक गुप्ता, जो कोपर खैराने, नवी मुंबई के निवासी हैं, का खाता बंधन बैंक की वाशी शाखा में है। 15 जनवरी 2024 को उन्होंने ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए एक एफडी अकाउंट खोला, लेकिन बैंक ने एफडी की रसीद 16 जनवरी को जारी की। बैंक ने आंतरिक नियमों का हवाला देते हुए कहा कि लेनदेन की प्रक्रिया 15 जनवरी को रात 11:12 बजे पूरी हुई, इसलिए उस दिन का ब्याज नहीं दिया जा सकता।
शिकायत और परिणाम:
परिवार द्वारा बैंक से बार-बार संपर्क करने के बाद कोई हल नहीं निकला, इसलिए 24 जनवरी को बैंक में आधिकारिक शिकायत दर्ज की गई। बैंक के जवाब से असंतुष्ट होकर परिवार ने आरबीआई के बैंकिंग लोकपाल कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई।
RBI का निर्णय:
आरबीआई ने जांच के बाद बंधन बैंक को जिम्मेदार ठहराते हुए आदेश दिया कि बैंक को मानसिक उत्पीड़न के लिए 20,000 रुपये मुआवजा और एफडी पर बकाया 187 रुपये का ब्याज देना होगा। बैंक ने 19 सितंबर 2024 को यह राशि दंपत्ति के खाते में जमा कर दी।
यह मामला बताता है कि कैसे आरबीआई के हस्तक्षेप से उपभोक्ताओं को न्याय मिल सकता है और बैंकिंग सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाती है।