Edited By ,Updated: 22 Jul, 2016 04:00 PM
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भगवान शिव के परम भक्त नवजोत सिंह सिद्घू ने अपने सियासी फैसले लेने के लिए सावन के चार सोवार को चुना है। सावन के पहले सोमवार को सिद्घू ने पंजाब की सियासत को हिलाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
नई दिल्ली: भगवान शिव के परम भक्त नवजोत सिंह सिद्घू ने अपने सियासी फैसले लेने के लिए सावन के चार सोवार को चुना है। सावन के पहले सोमवार को सिद्घू ने पंजाब की सियासत को हिलाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे को जायज ठहराने के लिए की जाने वाली प्रैस क़ॉन्फ्रेस के लिए भी सिद्घू ने सोमवार का ही दिन चुना है। बताया जा राह है कि नवजोत सिंह सिद्घू इस दिन आम आदमी पार्टी में शामिल नहीं होंगे और आप में शामिल होने के लिए सिद्घू सावन का तीसरा सोमवार चुन सकते हैं। सावन के चौथे सोमवार के दिन सिद्धू की अमृतसर में रैली करने की योजना है।
सिद्धू दंपती की शिव भक्ति
सिद्धू दंपती सिख होने के बावजूद अपने घर में पाठ, हवन आदि करवाते रहे हैं। इससे पूर्व जब सिद्धू का मकान बना था तो तब भी लंबे समय तक सिद्ध के घर में अनुष्ठान चलता रहा। सिद्धू के होली सिटी एन्क्लेव घर में मंदिर बनवाया था। मंदिर में एक शिवलिंग की भी स्थापना की गई है। हाल ही में नवजोत सिंह सिद्घू कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर भी गए थे। जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई थे और उन्हे अस्पताल भर्ती करवाना पड़ा था।
सावन के हर सोमवार का है खास महत्व
सावन के महीने में सोमवार व्रत का बहुत महत्त्व है। जो व्यक्ति साल भर सोमवार के व्रत नहीं रखते हैं, वह भी सावन के महीने में सोमवार के व्रत बड़ी श्रद्धा से रखते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सावन के सोमवार के व्रत रखने से साल भर के सोमवार का फल मिलता है। शायद इसीलिए नवजोत सिंह सिद्घू ने भी अपने सियासी करियर में बदलाव के लिए सावन के चार सोमवार को ही चुना है।