नक्सली नए क्षेत्रों में विस्तार की ताक में, लेकिन नहीं मिली खास सफलता: गृह मंत्रालय की रिपोर्ट

Edited By rajesh kumar,Updated: 31 Dec, 2024 07:43 PM

naxalites looking expand areas not achieved much success home ministry report

केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक नयी रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई के कारण नक्सली अंतरराज्यीय सीमाओं से लगे नए क्षेत्रों में घुसने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई खास कामयाबी नहीं मिली है।

नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक नयी रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई के कारण नक्सली अंतरराज्यीय सीमाओं से लगे नए क्षेत्रों में घुसने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई खास कामयाबी नहीं मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के बहुआयामी दृष्टिकोण-- अर्द्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस द्वारा नक्सल विरोधी अभियान तथा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास पहल के परिणामस्वरूप हिंसक घटनाओं में 48 प्रतिशत की कमी आई है। 2013 में इस तरह की 1,136 घटनाएं हुई थीं जो घटकर 2023 में 594 हो गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नागरिकों और सुरक्षा बलों की मौतों में भी 65 प्रतिशत की कमी देखी गई, जो 2013 की तुलना में 397 से घटकर 2023 में 138 हो गईं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि देश 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा। वामपंथी उग्रवादी (एलडब्ल्यूई) हिंसा का भौगोलिक प्रसार काफी कम हो गया है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में 42 जिलों के 171 थानों में ऐसी घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2013 में 76 जिलों के 328 थानों में ऐसे मामले दर्ज किए गए थे।

हिंसा का दायरा काफी सीमित हुआ 
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हिंसा का दायरा काफी सीमित हो गया है और सिर्फ 25 जिलों में एलडब्ल्यूई हिंसा का 91 प्रतिशत हिस्सा है।'' मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार, देश के विभिन्न वामपंथी उग्रवादी संगठनों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) सबसे शक्तिशाली बना हुआ है, जो कुल हिंसक घटनाओं में 90 प्रतिशत से अधिक और मौतों के मामलों में 95 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है।

नए क्षेत्रों में विस्तार करने का प्रयास, नहीं मिली सफलता 
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘बढ़ते प्रतिकूल हालात के बीच, भाकपा (माओवादी) अंतर-राज्यीय सीमाओं से लगे नए क्षेत्रों में विस्तार करने का प्रयास कर रही है, हालांकि इसमें उसे कोई खास सफलता नहीं मिली है।'' रिपोर्ट के मुताबिक अपनी पुरानी विचारधारा को कायम रखने के लिए संगठन अपने प्रभाव क्षेत्र की आबादी को हाशिए पर रखना चाहते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि (राज्य) सरकारों द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों और केंद्र सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में वामपंथी उग्रवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं।

आईईडी व सुरक्षाबलों की सुरक्षा 
गृह मंत्रालय ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद विरोधी अभियानों में सुरक्षा बलों के हताहत होने का सबसे बड़ा कारण विस्फोटक उपकरण हैं। इसलिए गृह मंत्रालय ने आईईडी प्रबंधन में सर्वोत्तम तरीकों को बढ़ावा देने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इसके अलावा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य पुलिस बलों में आईईडी से निपटने की व्यापक क्षमता विकसित करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं।

खुफिया जानकारी से कार्रवाई में मदद मिली 
रिपोर्ट में कहा गया कि वामपंथी उग्रवाद परिदृश्य में समग्र सुधार का श्रेय वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में सुरक्षा बलों की अधिक उपस्थिति और बढ़ी हुई क्षमता, बेहतर परिचालन रणनीति और विकास योजनाओं की बेहतर निगरानी को दिया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय स्तर पर मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी) और राज्य स्तर पर राज्य मल्टी एजेंसी सेंटर (एसएमएसी) के माध्यम से लगातार खुफिया जानकारी साझा करने, जगदलपुर (छत्तीसगढ़) और गया (बिहार) में संयुक्त कमान एवं नियंत्रण केंद्र की स्थापना तथा तकनीकी और मानवीय खुफिया जानकारी को मजबूत करने से नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में मदद मिली है।

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