NEET Paper Leak Case: CBI को मिली आरोपी चिंटू कुमार और मुकेश कुमार की 3 दिन की रिमांड

Edited By Pardeep,Updated: 27 Jun, 2024 06:10 AM

neet paper leak cbi gets 3 day remand of accused chintu kumar and mukesh kumar

बिहार के पटना की एक अदालत ने बुधवार को नीट “पेपर लीक” मामले के दो आरोपियों को तीन दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। सीबीआई ने रविवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर, पांच मई को आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित...

नेशनल डेस्कः बिहार के पटना की एक अदालत ने बुधवार को नीट “पेपर लीक” मामले के दो आरोपियों को तीन दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। सीबीआई ने रविवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर, पांच मई को आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। जांच एजेंसी ने मंगलवार को अदालत के समक्ष प्राथमिकी की एक प्रति पेश की, जिसमें उन संदिग्धों की हिरासत की मांग की गई, जिन्हें बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) गिरफ्तार कर चुकी है। अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को बलदेव कुमार उर्फ चिंटू और मुकेश कुमार को विस्तृत पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की अनुमति दी। 

मुकेश भी गिरोह से जुड़ा हुआ है
सूत्रों ने बताया कि कुख्यात संजीव कुमार उर्फ ​​लूटन मुखिया गिरोह से जुड़े बलदेव कुमार को परीक्षा से एक दिन पहले अपने मोबाइल फोन पर पीडीएफ प्रारूप में नीट-यूजी की हल की गई उत्तर पुस्तिका मिली थी। उन्होंने बताया कि मुकेश भी गिरोह से जुड़ा हुआ है। सीबीआई मुखिया गिरोह के अन्य फरार सदस्यों को भी पकड़ने की कोशिश कर रही है, जिन पर कई अंतरराज्यीय पेपर लीक की साजिश रचने का आरोप है। सूत्रों ने बताया कि जांच में पता चला कि बलदेव और उसके साथियों ने हल की गई उत्तर पुस्तिका को प्रिंट किया और चार मई को पटना के रामकृष्ण नगर स्थित एक मकान में छात्रों को वितरित किया। 

जहां प्रश्नपत्र लीक हुआ सीबीआई ने पटना के उस अतिथि गृह का भी किया दौरा 
सूत्रों के अनुसार पहले गिरफ्तार किए गए दो व्यक्ति नीतीश कुमार और अमित आनंद अभ्यर्थियों को उस मकान में ले गए थे। जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि मुखिया गिरोह ने लीक हुआ नीट-यूजी प्रश्नपत्र झारखंड के हजारीबाग के एक निजी स्कूल से प्राप्त किया था। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली से आई सीबीआई की एक टीम ने बुधवार को पटना स्थित मकान के साथ-साथ मुख्य संदिग्ध सिकंदर यादवेंदु की आवासीय सोसायटी का भी दौरा किया। सीबीआई के अधिकारियों ने पटना के उस अतिथि गृह का भी दौरा किया, जहां कथित तौर पर प्रश्नपत्र लीक हुआ था। उन्होंने बताया कि गेस्ट हाउस को कथित तौर पर सिकंदर यादवेंदु के लिए एक व्यक्ति ने बुक किया था, जो कथित तौर पर बिहार के एक प्रमुख नेता से जुड़ा हुआ है। 

कुछ निजी कॉलेजों और संस्थानों की भूमिका भी जांच के दायरे में
एक सूत्र ने बताया, "जांच एजेंसी की टीम ने हजारीबाग के निजी स्कूल के प्रबंधन के एक वरिष्ठ सदस्य को भी हिरासत में लिया है। ईओयू ने अपनी जांच में यह भी पाया कि स्कूल को मिले प्रश्नपत्रों के बुकलेट बॉक्स से छेड़छाड़ की गई थी। स्कूल के राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) पर्यवेक्षक, केंद्र अधीक्षक और प्रधानाचार्य की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।" उन्होंने कहा कि कुछ निजी कॉलेजों और संस्थानों की भूमिका भी जांच के दायरे में है, जिन पर कथित तौर पर नीट परीक्षा में वास्तविक अभ्यर्थियों की ओर से ‘सॉल्वर' (प्रश्नपत्र हल करने वाले) भेजने का आरोप है। 

उन्होंने कहा, "जांचकर्ता (मुजफ्फरपुर जिले में) एक स्कूल के बारे में विवरण एकत्र कर रहे हैं, जहां कोटा (राजस्थान) से एक सॉल्वर ने कथित तौर पर पांच मई को एक छात्र की तरफ से नीट-यूजी परीक्षा दी थी।" इस बीच, जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता और मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विपक्ष को इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, "सीबीआई मामले की जांच कर रही है... कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है... आने वाले दिनों में और लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा।"

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