NEET-UG विवाद: सुप्रीम कोर्ट का काउंसलिंग टालने से इनकार, परीक्षा निरस्त करने को लेकर नोटिस जारी

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 21 Jun, 2024 05:33 PM

neet ug controversy supreme court refuses to postpone counselling

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को विवादों में घिरी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक(नीट-यूजी)-2024 की छह जुलाई से प्र...

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को विवादों में घिरी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक(नीट-यूजी)-2024 की छह जुलाई से प्रस्तावित काउंसलिंग प्रक्रिया को टालने से इनकार कर दिया और कहा कि यह कोई ‘खोलने और बंद करने' की प्रक्रिया नहीं है। शीर्ष अदालत ने पांच मई को आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितता को लेकर नीट-यूजी को रद्द करने के आग्रह वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए), केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी किये हैं। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने परीक्षा में धांधली का आरोप लगाने वाली अन्य लंबित याचिकाओं के साथ इस मामले की अगली सुनवाई आठ जुलाई को तय की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता ने पीठ से अनुरोध किया कि काउंसलिंग प्रक्रिया दो दिनों तक रोकी जा सकती है क्योंकि उच्चतम न्यायालय इन सभी याचिकाओं पर आठ जुलाई को सुनवाई करने वाला है। 
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अधिवक्ता ने तर्क दिया, ‘‘मैं काउंसलिंग पर स्थगन का अनुरोध नहीं कर रहा हूं। मैं केवल प्रार्थना कर रहा हूं कि छह जुलाई को होने वाली काउंसलिंग केवल दो दिनों के लिए टाल दी जाए। इसका कारण यह है कि मुख्य मामला आठ जुलाई को सूचीबद्ध है।'' पीठ ने कहा, ‘‘हम एक ही तरह के बयान सुन रहे हैं। आपको बीच में रोकने को अन्यथा न लें। काउंसलिंग का मतलब ‘खोलना और बंद करना' नहीं है। यह एक प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया छह जुलाई से शुरू हो रही है।'' जब पीठ ने काउंसलिंग के पहले दौर की अवधि के बारे में पूछा, तो मामले में उपस्थित वकीलों में से एक ने कहा कि यह लगभग एक सप्ताह तक चलेगी। पीठ ने काउंसलिंग प्रक्रिया को स्थगित करने से इनकार करते हुए कहा कि एनटीए, केंद्र और अन्य उत्तरदाताओं की ओर से पेश अधिवक्ता दो सप्ताह के भीतर याचिका पर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं। पीठ ने एनटीए को कुछ निर्देश देने का अनुरोध करने वाले एक अलग आवेदन पर भी विचार किया। आवेदक की ओर से पेश अधिवक्ता ने 23 जून को दोबारा होने वाली परीक्षा का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि एनटीए ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी छिपा ली है। 
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इसके बाद पीठ ने एनटीए के अधिवक्ता से आवेदन पर जवाब दाखिल करने को कहा और इसे आठ जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। केंद्र ने शीर्ष अदालत को 13 जून को बताया था कि एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट-यूजी 2024 में शामिल 1563 अभ्यर्थियों को अनुग्रह अंक देने का निर्णय रद्द कर दिया गया है और उन्हें 23 जून को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा। आवेदक के अधिवक्ता ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान दोबारा परीक्षा का मुद्दा उठाया और कहा कि अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा देने के तनाव से गुजरना होगा। पीठ ने कहा, ‘‘जब पांच मई की मुख्य परीक्षा को रद्द करने की संभावना हो तो सब कुछ रद्द किया जा सकता है।'' पीठ ने अधिवक्ता से पूछा, ‘‘क्या आप उनके बारे में चिंतित हैं या आप अन्य उम्मीदवारों के बारे में चिंतित हैं जिन्हें परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जा रही है?'' पीठ ने कहा, ‘‘यह क्या तर्क है?'' शीर्ष अदालत ने एक अलग याचिका पर भी विचार किया जिसमें एनटीए को एक बीमारी से पीड़ित उम्मीदवार को दोबारा परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। 
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याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि 1,563 उम्मीदवारों को दोबारा परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का निर्णय लेने से पहले ही याचिकाकर्ता ने एनटीए को दोबारा परीक्षा देने की अनुमति देने के लिए एक अभ्यावेदन भेजा था। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका भी दायर की थी। पीठ ने एनटीए के अधिवक्ता से कहा, ‘‘उसने (याचिकाकर्ता) उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका दायर की थी। वहां भी एनटीए ने एक बयान दिया था कि वे शाम तक अभ्यावेदन पर फैसला करेंगे और उसकी याचिका को इस आधार पर वापस लिए जाने के रूप में खारिज किये जाने की अनुमति दी गई थी।'' शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को आज सुबह तक उसके अभ्यावेदन पर एनटीए से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। शीर्ष अदालत ने एनटीए को शाम चार बजे तक अभ्यावेदन पर निर्णय लेने को कहा और आज ही और याचिकाकर्ता को ई-मेल द्वारा इस बारे में सूचित करने के लिए कहा। एनटीए और अन्य को नोटिस जारी कर याचिका पर उनके जवाब मांगने वाली शीर्ष अदालत ने इस मामले को भी आठ जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। नीट-यूजी-2024 परीक्षा पर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने 18 जून को कहा था कि अगर परीक्षा के संचालन में किसी की ओर से ‘0.001 प्रतिशत भी लापरवाही' हुई है, तो भी इससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। 

परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने इसमें भाग लिया था। परिणाम 14 जून को घोषित किये जाने की संभावना थी, लेकिन चार जून को ही इसे घोषित कर दिया क्योंकि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा हो गया था। नीट-यूजी परीक्षा में कथित अनियमितता के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। एनटीए के अब तक के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक प्राप्त किए जिनमें हरियाणा के फरीदाबाद स्थित एक ही केंद्र पर परीक्षा देने वाले छह अभ्यर्थियों के नाम भी शामिल हैं, इससे परीक्षा में अनियमितता किये जाने का संदेह उत्पन्न हो गया। यह आरोप लगाया गया कि कृपांक (ग्रेस मार्क्स) के कारण 67 छात्रों को शीर्ष रैंक हासिल हुई। देशभर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट-यूजी परीक्षा का आयोजन एनटीए द्वारा किया जाता है। 


 

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